युवती ने की आत्महत्या (प्रतीकात्मक तस्वीर)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां सूडा के प्रोजेक्ट मैनेजर (राज्य नगरीय विकास अभिकरण) सुधाकांत मिश्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस को उनके पास से किसी भी प्रकार का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
सुधाकांत मिश्रा मौजूदा समय में हरदोई में तैनात थे और अपने परिवार के साथ इंदिरा नगर के बी ब्लाक में रह रहे थे। परिवार वालों के अनुसार, सुधाकांत पिछले कई सालों से डिप्रेशन की बीमारी से जूझ रहे थे और उनका इलाज चल रहा था।
सूडा के प्रोजेक्ट मैनेजर सुधाकांत पूर्व आईएएस मंगला प्रसाद मिश्रा के बेटे थे। सुधाकांत के बेटे कार्तिकेय ने पुलिस को बताया कि उनके पिता पिछले कई सालों से डिप्रेशन की बीमारी से जूझ रहे थे और उन्होंने इसके चलते अपनी जान दे दी। कार्तिकेय ने बताया कि उनके पिता तीन महीने बाद रिटायर होने वाले थे।
जानकारी के मुताबिक, जिस समय सुधाकांत ने आत्महत्या की, उस समय उनकी पत्नी दूसरे कमरे में थी। कार्तिकेय शनिवार को अपनी बीमार सास को देखने के लिए अस्पताल गए थे। जब वह अस्पताल से लौटे, तो उन्होंने अपने पिता को फंखे से लटके देखा। उनके पिता का कमरा अंदर से बंद था।
कार्तिकेय ने बताया कि जब वह अपनी बीमार सास को देखकर अस्पताल से घर आए, तो उनके पिता के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद उन्होंने दरवाजा खोलने की कोशिश की, और जब वह नहीं खुला, तो उन्होंने खिड़की से झांककर देखा, तो वह बिजली के तार का फंदा बनाकर फांसी पर लटके थे। इसके बाद उन्होंने दरवाजा तोड़कर पिता को नीचे उतारा और उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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पुलिस ने फिलहाल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। उन्हें सुधाकांत मिश्रा के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।