केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गीता और बुद्ध के संदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर शांति के लिए युद्ध करना पड़े तो वह अनुचित नहीं होता। उन्होंने कहा कि महाभारत में भी अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित किया गया था क्योंकि लक्ष्य शांति की स्थापना था। इसी क्रम में उन्होंने पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष को भी आवश्यक बताया। साथ ही उन्होंने कपिलवस्तु को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जरूरत पर जोर देते हुए इसे देश की ऐतिहासिक विरासत बताया।
अपने दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने सिद्धार्थनगर में 1000 सीटों वाले प्रेक्षागृह के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी। यह परियोजना कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के अंतर्गत पूरी की जाएगी जिसमें एनटीपीसी, पीएफसी और आरईसी जैसे प्रमुख संस्थान 23 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। उन्होंने इसे जिले के लिए “प्रकाश का प्रतीक” बताया और कहा कि इससे शिक्षा, संस्कृति और विकास को नई दिशा मिलेगी।
आज सिद्धार्थ नगर में 1000 सीटों की क्षमता वाले अत्याधुनिक गौतम बुद्ध कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखी। इस अवसर पर क्षेत्र के माननीय सांसद श्री @jagdambikapalmp जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
नीति आयोग द्वारा चिन्हित आकांक्षी जिलों में से एक सिद्धार्थ नगर में यह महत्त्वाकांक्षी… pic.twitter.com/dZKhAIvvn5
— Manohar Lal (@mlkhattar) May 29, 2025
शांति के लिए युद्ध को बताया जायज
केंद्रीय मंत्री ने अपने भाषण में महात्मा बुद्ध और गीता दोनों के विचारों को जोड़ते हुए कहा कि शांति का संदेश देना जरूरी है, लेकिन जब कोई रास्ता न बचे तो युद्ध भी एक विकल्प होता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई इसी सोच के तहत की गई थी, जिससे देश में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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कपिलवस्तु के विकास की उठी मांग
सभा में उन्होंने कपिलवस्तु को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की मांग की। उन्होंने बताया कि यह स्थान बुद्ध के जीवन से जुड़ा है, जहां उन्होंने अपने 29 वर्ष बिताए। इसे विकसित कर देश-दुनिया के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा सकता है। उन्होंने इस ऐतिहासिक स्थल को सम्मान देने की आवश्यकता जताई।