
कुलदीप सिंह सेंगर, (फाइल फोटो)
Unnao Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के उन्नाव दुष्कर्म मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सजायाफ्ता कुलदीप सेंगर की प्रतिक्रिया सामने आई है। उनकी बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने उनका बयान मीडिया में जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुलदीप सिंह सेंगर अपनी बेटी के माध्यम से जारी बयान में कहा कि आज हम मामले के मेरिट्स (गुण-दोष) पर बहस भी शुरू नहीं कर सके। पीड़िता ने अपने बयान कई बार बदले हैं। उसके द्वारा घटना का समय पहले 2 बजे, फिर 6 बजे और आखिर में 8 बजे बताया गया। AIIMS मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में उसकी उम्र 18 साल से अधिक पाई गई है।
पूर्व विधायक ने आगे कहा कि हमारी गरिमा और शांति हमसे छीन ली गई और यहां तक कि हमारा पक्ष सुने जाने के मूल अधिकार से भी हमें वंचित कर दिया। मेरे फोन के कॉल डेटा रिकॉर्डर (CDR) में दर्ज लोकेशन से स्पष्ट है कि मैं कथित घटना के समय वहां पर मौजूद नहीं था। यह भी सामने आया है कि घटना के कथित समय पर पीड़िता स्वयं फोन पर बात कर रही थी। मैं पिछले 8 साल से न्याय के लिए लड़ रहा हूं, लेकिन शायद मेरे और मेरे परिवार के दुखों की कोई कीमत नहीं है। फिर भी न्याय की उम्मीद है। मीडिया से मेरा अनुरोध है कि किसी भी तरह की गलत जानकारी न फैलाई जाए।
कुलदीप सेंगर की बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने आरोप लगाया कि मेनस्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया में पीड़िता के चाची और मौसी की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के मामले में भ्रामक जानकारियां साझा की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को यह तक नहीं पता कि कथित सड़क दुर्घटना मामले में हमें पहले ही डिस्चार्ज किया जा चुका है। इस मामले की जांच IIT दिल्ली सहित अन्य संस्थानों और CBI की टीम ने की थी, जिन्होंने इसे एक प्राकृतिक दुर्घटना बताया था।
सेंगर की बेटी ने आगे कहा कि पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में मेरे पिता उस समय शहर में भी नहीं थे और उन्हें केवल धारा 120(B) के तहत जोड़ा गया। किसी भी गवाह की मौत नहीं हुई है, जैसा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है। मैं मीडिया से फिर अपील करती हूं कि कोई भ्रामक या गलत जानकारी न फैलाई जाए।
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उन्नाव रेप पीड़िता ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा कुलदीप सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को सुनवाई की। पीठ ने कहा कि इस मामले में ‘कानून के महत्वपूर्ण प्रश्न’ उठते हैं और कुलदीप सेंगर के वकील को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कुलदीप सेंगर जेल में ही रहेंगे, क्योंकि वह पहले से ही एक अन्य आपराधिक मामले में सजा काट रहे हैं। अब मामले में अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।






