मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शादी ईदगाह विवाद
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े वादों की सुनवाई आज बृहस्पतिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होनी है। विभिन्न याचिकाओं पर हाईकोर्ट में वादी और प्रतिवादी अपना-अपना पक्ष रखेंगे। इस सुनवाई में वाद बिंदु भी तय किए जाने की भी संभावना है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के करीब दो एकड़ से अधिक भूमि पर बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर वहां भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर निर्माण कराए जाने के मामले हाईकोर्ट में यह केस विचाराधीन है।
इसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के वादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट मथुरा के अध्यक्ष आशुतोष ब्रह्मचारी वादी हैं। विभिन्न याचिकाओं पर हाईकोर्ट इस मामले में दोनों पक्षों की अपीलें सुनेगा। इसको लेकर आज वाद बिन्दू भी तय हो सकते हैं।
बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में मामले से जुड़े सभी मुकदमों की सुनवाई की जाएगी। इसमें वाद बिंदु तय होने के साथ ही श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास ने जिस स्थान पर वर्तमान में शाही – ईदगाह मस्जिद बनी है, उसे अयोध्या की भांति विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग पर भी सुनवाई होगी। महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया कि जिस स्थान को लेकर विवाद है, वह मूल गर्भ गृह है। ऐसे में इसे विवादित ढांचा घोषित करते हुए – सुनवाई को आगे बढ़ाना चाहिए।
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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर 13.37 एकड़ भूमि का विवाद है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल शासक औरंगजेब ने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई थी। वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे गलत बताते हुए कहता है कि ऐसे कोई प्रमाण नहीं हैं जो यह साबित करें कि मस्जिद मंदिर को गिराकर बनाई गई थी। यह मामला ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जिसे लेकर अदालतों में सुनवाई जारी है। दोनों समुदायों के दावों के बीच यह विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। बता दें कि जिस स्थान पर वर्तमान में शाही – ईदगाह मस्जिद बनी है, उसे अयोध्या की भांति विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग पर भी सुनवाई होनी है।