CM योगी ने की कन्या पूजन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Uttar Pradesh News: गोरक्षपीठ की परंपरा में मातृ शक्ति के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान का विशेष स्थान है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने नारी सुरक्षा, स्वावलंबन और सम्मान से जुड़ी कई योजनाओं के माध्यम से इस परंपरा को व्यवहारिक रूप दिया है। मातृ शक्ति के प्रति अपनी भक्ति और सम्मान को और मजबूत करते हुए सीएम योगी ने बुधवार को शारदीय नवरात्र की महानवमी पर गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार कन्या पूजन किया।
गोरखनाथ मंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर ने नौ दुर्गा रूपी कुंवारी कन्याओं के पांव धोए, उनका विधिपूर्वक पूजन किया, उन्हें चुनरी ओढ़ाई, आरती उतारी, सम्मानपूर्वक भोजन कराया और दक्षिणा एवं उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इसी तरह, मुख्यमंत्री ने परंपरा का पालन करते हुए उन्होंने कन्या पूजन के साथ ही बटुक पूजन भी किया।
बुधवार को मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के अन्न क्षेत्र के प्रथम तल पर स्थित भोजन कक्ष में नौ नन्हीं बालिकाओं के पांव पीतल के परात में जल डालकर धोए। इस अवसर पर उन्होंने दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का उच्चारण किया और उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत आदि से तिलक किया। बालिकाओं का पुष्प और दुर्वा से अभिषेक किया गया, माला पहनाई, चुनरी ओढ़ाई, उपहार व दक्षिणा दी और आशीर्वाद लिया। सीएम के हाथों से दक्षिणा पाकर बालिकाएं बहुत प्रसन्न दिखीं।
कन्याओं को भोजन कराते योगी आदित्यनाथ
इस दौरान मुख्यमंत्री ने छह महीने की एक बच्ची के पांव भी धोए और उसका पूजन किया। हनुमानजी के वेश में आए एक बालक को भी उन्होंने तिलक, माला और अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। पूजन के बाद, मुख्यमंत्री ने स्वयं मंदिर की रसोई में तैयार ताजा भोजन प्रसाद बच्चों को परोसा। नौ मुख्य कन्याओं के अलावा बड़ी संख्या में उपस्थित अन्य बालिकाओं और बटुकों का भी सीएम योगी ने पूजन किया, आरती उतारी और उन्हें भोजन के साथ उपहार व दक्षिणा प्रदान की।
यह भी पढ़ें:- जिस जेल में हुई थी मुख्तार की मौत… उसी के बगल में शिफ्ट किए गए अतीक के बेटे, पुलिस लेकर हुई रवाना
कन्या पूजन में गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ और काशी से आए जगद्गुरु स्वामी संतोषाचार्य सतुआ बाबा सहित अन्य वरिष्ठ संत उपस्थित रहे। इससे पहले सीएम योगी ने प्रातःकालीन पूजन सत्र में मंदिर के शक्तिपीठ में मां सिद्धिदात्री की विधिपूर्वक आराधना भी की।