संभल जमा मस्जिद का नाम, फोटो - सोशल मीडिया
संभल : उत्तर प्रदेश के संभल जीले की शाही जामा मस्जिद एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। इस बार चर्चा का विषय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा भेजा गया एक नया साइन बोर्ड है जिसमें मस्जिद का नाम ‘जुमा मस्जिद’ लिखा गया है।
ऐसी संभावनाएं है कि सत्यव्रत पुलिस चौकी में रखा नीले रंग का एएसआई का यह बोर्ड जल्द ही पुराने बोर्ड की जगह लगाया जाएगा। पुराने बोर्ड पर ‘शाही जामा मस्जिद’ लिखा हुआ है। एएसआई के वकील विष्णु शर्मा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘मस्जिद के बाहर पहले एएसआई का एक बोर्ड लगा था, लेकिन कुछ व्यक्तियों ने कथित तौर पर इसे हटाकर ‘शाही जामा मस्जिद’ लिखा बोर्ड लगा दिया। नया बोर्ड एएसआई के दस्तावेजों में दर्ज नाम ‘जुमा मस्जिद’ के अनुसार बनाया गया है।”
विष्णु शर्मा ने कहा कि मस्जिद परिसर के अंदर पहले से ही इसी नाम का एक नीला बोर्ड लगा हुआ है। एएसआई ने अभी तक इस बारे में कोई समयसीमा नहीं बताई कि बोर्ड कब तक लगाया जाएगा। पिछले साल 24 नवंबर को शाही मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान संभल में हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में गोलीबारी के कारण चार लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।
आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बीते 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के मामले में नामजद अभियुक्त बनाए गए बर्क से आज विशेष जांच टीम (SIT) पूछताछ करेगी। SIT की टीम ने हाल ही में सांसद बर्क को उनके दिल्ली स्थित आवास पर जाकर नोटिस थमाया था, जिसके बाद अब उनसे औपचारिक रूप से पूछताछ की जा रही है।
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SIT की पूछताछ का आधार बना है 23 मार्च को गिरफ्तार किए गए जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य जफर अली का बयान, जिसमें उसने स्वीकार किया कि 24 नवंबर की हिंसा में सपा सांसद बर्क की संलिप्तता रही है। पुलिस की केस डायरी में भी बर्क और जफर अली की हिंसा की साजिश में भूमिका दर्ज की गई है।