
धनंजय सिंह (सोर्स- सोशल मीडिया)
Dhananjay Singh: वाराणसी के नदेसर शूटआउट के गैंगस्टर केस में पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को हाई कोर्ट से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने 23 साल पुराने इस केस में आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। शूटआउट में धनंजय सिंह, उनके गनर और ड्राइवर घायल हुए थे।
इस केस में पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। ट्रायल कोर्ट ने केस की सुनवाई के बाद आरोपियों को बरी कर दिया था। पूर्व सांसद ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने शनिवार को अपील खारिज कर दी।
हाई कोर्ट ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट के तहत अपराध सिर्फ राज्य और समाज के खिलाफ होते हैं, किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं। 23 साल पुराने केस पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि सिर्फ राज्य के पास असामाजिक गतिविधियों को रोकने और रोकथाम के उपाय करने का अधिकार है, किसी व्यक्ति के पास यह अधिकार नहीं है।
4 अक्टूबर 2002 को वाराणसी के कैंट थाना इलाके के नदेसर में टकसाल सिनेमा हॉल के पास उस समय के विधायक धनंजय सिंह की कार पर जान से मारने के इरादे से हमला किया गया था। कहा जाता है कि हमले में AK-47 जैसे ऑटोमैटिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।
इस घटना में धनंजय सिंह, उनके गनर, ड्राइवर और दूसरे लोग घायल हो गए थे। धनंजय सिंह ने बाहुबली विधायक अभय सिंह, एमएलसी विनीत सिंह, संदीप सिंह, संजय सिंह, विनोद सिंह, सतेंद्र सिंह और कई दूसरे लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था।
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इसी साल अगस्त में वाराणसी के स्पेशल जज ने साक्ष्य के अभाव में चारों आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया था। धनंजय सिंह ने ट्रायल कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन अब वहां से भी उन्हें झटका लगा है और अदालत ने अपील खारिज कर दी है।
कफ सिरप कांड में आरोपी आलोक सिंह पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी था। कफ सिरप कांड में सिंह का नाम सामने आने के बाद पूर्व सांसद ने पूरे मामले से खुद को अलग कर लिया, लेकिन इंटरनेट पर मौजूद कई फोटो और वीडियो से उनके करीबी रिश्ते का पता चला। जिसके चलते मामले में उनका नाम उछल रहा है।






