जैश-ए-मोहम्मद महिला कमांडर डॉ. शाहीन (सोर्स- सोशल मीडिया)
Jaish Female Commander Dr. Shaheen Built A Sleeper Cell In Kanpur: दिल्ली में हुए विस्फोट की गहन जांच से एक सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद की ‘लेडी विंग कमांडर’ डॉ. शाहीन ने कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में किशोरियों और गरीब महिलाओं को निशाना बनाया। उन्हें बेहतर जीवन और धार्मिक शिक्षा का लालच देकर एक खतरनाक ‘स्लीपर सेल’ नेटवर्क में शामिल किया गया। इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को झकझोर दिया है और अब NIA और UP ATS इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर जांच कर रही हैं।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, गिरफ्तार जैश कमांडर डॉ. शाहीन ने कानपुर में महिलाओं का एक मजबूत आतंकी नेटवर्क खड़ा किया था, जिसे ‘जमात-उल-मोमिनात’ नाम दिया गया। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस नेटवर्क में 19 से अधिक महिलाएं शामिल थीं। शाहीन पर आरोप है कि उसने इन महिलाओं का ब्रेनवॉश किया और उन्हें कट्टरपंथी विचारधारा की ट्रेनिंग दी। उसका मुख्य लक्ष्य भारत में अधिक से अधिक महिलाओं की ‘आतंकी भर्ती’ करना था ताकि संगठन को देश के अंदरूनी हिस्सों तक फैलाया जा सके।
डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी के बाद एक चौंकाने वाला पैटर्न सामने आया। इस महिला विंग की लगभग सभी महिलाओं के मोबाइल नंबर कुछ ही घंटों में एक साथ बंद हो गए। ये नंबर कानपुर, फतेहपुर, उन्नाव और कन्नौज जैसे जिलों में निष्क्रिय हो गए। एजेंसियों को संदेह है कि इन सभी ने तुरंत नए मोबाइल हैंडसेट और नए सिम कार्ड खरीद लिए हैं। अब खूफिया एजेंसियां दूरसंचार कंपनियों से 10 नवंबर के बाद बेचे गए सभी नए सिम कार्डों का विवरण मांग रही हैं, ताकि संदिग्धों को ट्रैक किया जा सके।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि दिल्ली विस्फोट को ऑपरेट करने के लिए कानपुर से खरीदे गए सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया था। आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर ने धमाके से पहले कुछ नंबरों पर कॉल किया और फिर फोन बंद कर दिया। मोबाइल टावर डेटा (BTS) की जांच में जिन नंबरों की लोकेशन मिली, उनमें से कई कानपुर के बेकनगंज क्षेत्र से खरीदे गए थे। फिलहाल, इस खरीद और सिम के पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए जांच जारी है।
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इस मामले में मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल के संपर्क में रहे 10 से अधिक डॉक्टरों से यूपी ATS ने पूछताछ की है। ये डॉक्टर बहराइच, अलीगढ़, नोएडा, मुरादाबाद, सहारनपुर, अमरोहा, संभल और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों से थे। मुरादाबाद में तीन डॉक्टरों की गतिविधियां विशेष रूप से संदिग्ध पाई गईं। ये तीनों दिल्ली धमाके के तुरंत बाद अपना मोबाइल बंद कर चुके थे और उनकी लोकेशन पिछले महीने फरीदाबाद में मिली थी। संदिग्ध गतिविधियों के चलते इन तीनों को एटीएस मुख्यालय (लखनऊ) में तलब किया गया है।