ब्रह्मोस मिसाइल का यूपी में राजनाथ सिंह ने किया उद्घाटन
लखनऊ: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने के बाद भारतीय रक्षा तंत्र ने एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइलों में शुमार ब्रह्मोस का निर्माण हुआ करेगा। आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन यूनिट का शुभारंभ किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस उत्पादन यूनिट के लिए 80 हेक्टेअर जमीन निशुल्क उपलब्ध कराई थी। ब्रह्मोस मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट को बनने में लगभग साढ़े तीन साल का समय लगा है।
ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) प्रोडक्शन यूनिट के उद्घाटन अवसर पर आज ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एयरो एलाय टेक्नोलॉजी समेत उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। प्रोडेक्शन यूनिट के उद्घाटन से मिसाइल बनने की गति में तेजी आएगी जिससे रक्षा तंत्र और मजबूत होगा। इसके निर्माण में करीब 300 करोड़ रुपये का खर्च आया है। उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
राजनाथ सिंह ने किया ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन यूनिट का उद्घाटन।
राजनाथ सिंह ने आज ब्रह्मोस मिसाइल की उत्पादन यूनिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलों में से एक है। ब्रह्मोस सिर्फ मिसाइल नहीं दुश्मनों के लिए संदेश है, एक चेतावनी है। इसकी ताकत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान देख चुका है। भारत के सुरक्षा तंत्र को यह और मजबूत बनाती है।
ब्रह्मोस मिसाइल की गिनती विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइलों में की जाती है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 से 400 किमी तक है। इसकी रफ्तार भी काफी तेज है। इसकी गति मैक 2.8 है यानी ध्वनि की गति से भी तीन गुना अधिक है। इन मिसाइलों का प्रयोग चंद्रयान और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। इस भारत का एयर डिफेंस सिस्टम और मजबूत होगा।
यह कोई युद्ध नहीं…’सीजफायर’ पर भड़के मनीष तिवारी, ट्रंप को भी लगाई लताड़
ब्रह्मोस मिसाइलें अपने आप में बेहद खास हैं। यह जमीन, हवा के साथ समुद्र से भी लॉन्च की जा सकती है। यह मिसाइलें दुश्मन के रडार से बचते हुए सटीन निशाने पर वार करने में सक्षम होती हैं। ये मिसाइलें फायर एंड फॉरगेट प्रणाली पर काम करती है यानि लक्ष्य तय करने के बाद बस फायर करने की जरूरत है फिर ये अपने आप लक्ष्य को भेद देती है। इसे किसी तरह कंट्रोल करने की आवश्यकता नहीं होती है।