राजभवन के सामने धरने पर बैठे यूपीसीसी अध्यक्ष अजय राय, पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू व अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता (सोर्स-वीडियो)
लखनऊ: हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने केन्द्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। इसे लेकर कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की मुखिया माधवी बच के त्यागपत्र की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान कांग्रेस ने अडानी ग्रुप की जांच की भी मांग की है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोस्टर और बैनर लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की। राजभवन के सामने प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और बैरिकेडिंग पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे।
यह भी पढ़ें:- हाई कोर्ट के आदेश के बाद क्यों प्रदर्शन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी, अखिलेश यादव भी आए साथ
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू सड़क पर लेट गए तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें घसीटकर ले गए। फिलहाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय राजभवन के सामने धरने पर बैठे हैं। उधर प्रयागराज में भी प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिसकर्मियों से झड़प हुई। हाथापाई और धक्का-मुक्की हुई। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता राजधानी में प्रवर्तन निदेशालय की ओर जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें राजभवन के पास ही रोक दिया। इस पर कार्यकर्ताओं ने राजभवन के सामने प्रदर्शन किया।
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राय ने कहा कि “हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने चल रहे भ्रष्टाचार को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। जिस तरह से घोटाले का खुलासा हुआ है, उसे देखते हुए सेबी चीफ माधवी बुच को इस्तीफा दे देना चाहिए या उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। राय ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी समूह के ‘घोटालों’ को उजागर कर दिया है, इसलिए इस बेहद गंभीर मामले की जेपीसी से जांच कराना बेहद जरूरी हो गया है।
यह भी पढ़ें:- पेपर लीक पिछली बार, इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही योगी सरकार, परीक्षा के लिए फूलप्रूफ प्लान तैयार
अमेरिक की संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी करते हुए आरोप लगाया था कि अडानी समूह से जुड़ी कथित अनियमितताओं में इस्तेमाल किए गए ‘विदेशी फंड’ में सेबी प्रमुख बुच और उनके पति की हिस्सेदारी थी। सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से निराधार बताया था।