बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने प्रदर्शन करते हुए 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी (सोर्स-वीडियो)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बहुचर्चित 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के नई चयन सूची जारी करने के आदेश के बाद भी मंगलवार को राजधानी लखनऊ में शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने बताया कि सरकार इस आदेश का तत्काल पालन करने में सरकार देरी कर सकती है। इसलिए तत्काल नई चयन सूची 69000 की जारी की जाए। वहीं इस मुद्दे पर अब सपा मुखिया ने भी सरकार को घेरा है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया तीन महीने का समय संदेह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार अपने कार्यकाल के बाकी समय के लिए भर्ती को टालना चाहती है।
यादव ने ‘एक्स’ पर लिखी पोस्ट में 69000 शिक्षकों की भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए तीन घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार इसके लिए तीन महीने का जो समय मांग रही है, वो संदेह पैदा करता है। उन्होंने आगे कहा कि इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटाले वाली भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाकर आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार कहीं इसे अपने बचे हुए कार्यकाल के लिए टालना तो नहीं चाहती है।
69000 शिक्षक भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है, उप्र की भाजपा सरकार इसके लिए 3 महीने का जो समय माँग रही है, वो संदिग्ध है। इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटालेवाली भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा… pic.twitter.com/ZYlWNo0gkC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 20, 2024
यादव ने इसी पोस्ट में आगे कहा कि भाजपा का सबसे बड़ा संकट ही यही है कि उसका असली चेहरा जनता ने देख लिया है और अब जनता भाजपा की सूरत और सीरत पहचान गयी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को तीन महीने के भीतर 69,000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए नयी चयन सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
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न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी उन चयन सूचियों को रद्द कर दिया, जिनमें आरक्षित श्रेणियों के 6,800 अभ्यर्थी शामिल थे। ताजा आदेश 16 अगस्त को अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। लेकिन अभ्यर्थियों को लगता है कि सरकार इसे लेट कर सकती है।