इमरान मसूद (डिजाइन फोटो)
Imran Masood: यूपी के फतेहपुर में मंदिर-मकबरे विवाद को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार को आड़े हाथों लिया है। हालांकि इस दौरान वह एक विवादित बयान भी दे बैठे हैं। उन्होंने विवादित ढांचे में तोड़-फोड़ करने वालों को कहा कि अगर वे लोग मुसलमान होते तो प्रशासन उनके सीने में गोली मार देता।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हिंसा हो रही है, फिर भी पुलिस ने आरोपी भाजपा जिलाध्यक्ष और हिंदूवादी संगठन के नेताओं के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। उन्होंने दावा किया कि उन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई।
यूपी के फतेहपुर में मंदिर-मकबरा विवाद बढ़ता जा रहा है। जहां एक तरफ हिंदू संगठन इस जगह को भगवान शंकर और ठाकुर जी का मंदिर होने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम इस जगह को नवाब अब्दुल का मकबरा बता रहे हैं। इस जगह पर तनाव तब बढ़ने लगा जब सोमवार को हिंदू पक्ष के बड़ी संख्या में लोग विवादित ढांचे में घुस गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी।
स्थिति को संभालने के लिए कुछ ही देर में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने इस मामले में दर्जनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही, हंगामा करने वालों पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इनमें से ज़्यादातर लोग भाजपा, सपा और हिंदू संगठनों से जुड़े बताए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर मसूद ने कहा कि पहले इन लोगों ने हंगामा किया और अब मामले को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने की बात कर रहे हैं।
उधर, इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि फतेहपुर की घटना भाजपा के तेज़ी से ख़त्म होने का संकेत है। ये लोग बार-बार सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रचते हैं। जनता अब भाजपाइयों की चाल समझ चुकी है। उधर, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने भी फतेहपुर मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
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उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि सरकार को फतेहपुर में मंदिर और मजार को लेकर चल रहे विवाद पर गंभीरता दिखाते हुए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार को किसी भी पक्ष के खिलाफ ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे वहां सांप्रदायिक तनाव बढ़े।