बसपा सुप्रीमो मायावती व आजाद समाज पार्टी चीफ चंद्रशेखर (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों बहुजन समाज के नेतृत्व को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख के एक ट्वीट में ‘बरसाती मेंढकों’ का जिक्र आया, जिसे लेकर सियासी हलकों में यह अटकलें शुरू हो गईं कि यह टिप्पणी आजाद समाज पार्टी के नेता और सांसद चंद्रशेखर आजाद पर है। लेकिन चंद्रशेखर ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अगर वह ट्वीट उनके लिए होता, तो सीधे नाम लिया जाता। उन्होंने इसे बहुजन समाज के पढ़े-लिखे युवाओं का अपमान बताया और अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
चंद्रशेखर ने अपने ऊपर हुए हमले और सुरक्षा मिलने को लेकर उठे सवालों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जानलेवा हमला होने के बाद सभी दलों के नेताओं ने उनकी सुरक्षा की मांग की थी, इसलिए यह कोई राजनीतिक समीकरण नहीं है। साथ ही उन्होंने खुद को बीजेपी या किसी अन्य दल से जोड़ने की अटकलों को निराधार बताते हुए कहा कि उनका आंदोलन विचारधारा से चलता है, न कि किसी गठजोड़ से।
बरसाती मेंढक बयान पर प्रतिक्रिया
चंद्रशेखर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी प्रमुख अगर उन्हें निशाना बनाना चाहतीं तो सीधे उनका नाम लेतीं। उन्होंने कहा कि बहनजी उनके लिए सम्माननीय नेता हैं और वह बहुजन युवाओं को कभी ‘बरसाती मेंढक’ नहीं कह सकतीं। उन्होंने इस बयान को बहुजन मिशन के खिलाफ बताया और कहा कि यह शब्दावली उनकी राजनीति से मेल नहीं खाती।
INDIA गठबंधन में अनदेखी से नाराज JMM, बिहार में 15 सीटों पर ताल ठोकने की तैयारी में पार्टी
पंचायत चुनाव को बताया सेमीफाइनल
चंद्रशेखर ने कहा कि वह किसी को चुनौती देने नहीं बल्कि बहुजन समाज को जगाने निकले हैं। उन्होंने पंचायत चुनाव को ‘सेमीफाइनल’ बताया और कहा कि वह इसे पूरी ताकत से लड़ने की तैयारी में हैं। उनका उद्देश्य समाज को 15 वर्षों से चले आ रहे सत्ता के सूखे से बाहर निकालना है। चंद्रशेखर ने कहा, ‘अगर यह ट्वीट मेरे लिए होता तो बहनजी मेरा नाम लिखतीं। वह मेरी आदरणीय नेता हैं। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करता हूं।’ उन्होंने आगे कहा, वे मुझे ऐसा क्यों कहेंगी, पढ़े-लिखे युवा बरसाती मेंढक क्यों होगें बहुजन समाज के बारे में उनकी भाषा ऐसी नहीं हो सकती।’