केशव मौर्य, योगी आदित्यनाथ, ब्रजेश पाठक (फोटो- नवभारत डिजाइन)
Uttar pradesh Budget: बीते रोज योगी सरकार 2.0 का चौथा बजट उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया। यह बजट काफी संतुलित माना जा रहा है। बजट बनाते समय खन्ना ने लोकसभा चुनाव में हार और अगामी 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखा गया है। इसमें ओबीसी, दलितों, गरीबों एवं किसानों को वरियता दी गई है। साथ महिला उत्थान को पर भी फोकस है।
योगी सरकार के इस बजट में भाजपा की अंदरूनी कलह का भी ध्यान रखा गया है! अक्सर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ रहने वाले मंत्रियों के विभाग में कटौती की गई है। हालाकि चौकाने वाली बात है कि ब्रजेश पाठक के विभाग को भरपूर बजट मिला है।
केशव का बजट घटाया, ब्रजेश पाठक बजट हुआ दोगुना
योगी सरकार ने बजट में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का बजट दोगुना कर दिया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ग्राम्य विकास विभाग का बजट घटा दिया है। सत्ता के गलियारों में पाठक के महकमे के बजट बढ़ने और केशव के विभाग का बजट घटने को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक गलियारों में इसको अंदरूनी खटपट बताया जा रहा है।
ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 2024-25 में 27 हजार 86 करोड़ का बजट दिया गया था। इस बार के बजट में 50 हजार 550 करोड़ का प्रावधान है। केशव प्रसाद के ग्राम्य विकास विभाग को 2024-25 में 25 हजार 409 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। इस बार उनके विभाग का बजट घटाकर 25014.29 करोड़ किया गया है। बजट में करीब 394.71 करोड़ रुपए की कमी की है।
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अरविंद शर्मा को भी कम मिला बजट
केशव प्रसाद मौर्य के अलावा गुजरात काडर के आईएस अधिकारी रहे, नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा के विभाग का बजट में घटा दिया गया है। 2024-25 में नगर विकास विभाग को 25 हजार 698 करोड़ रुपए बजट मिला था। इस बार 25 हजार 308 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। अरविंद शर्मा नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी नेता हैं।
राजभर के विभाग के बजट में कटौती
सुभासपा अध्यक्ष और पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के विभाग में भी बजट कम किया गया है। पंचायतीराज विभाग को इससे पहले के बजट में 21 हजार 197 करोड़ दिए गए थे, जबकि इस बार 19 हजार 174 करोड़ का बजट मिला। इसमें 2 हजार 22 करोड़ की कमी की गई है। ओमप्रकाश राजभर भी अक्सर सीएम योगी व उनके अधिकारियों को लेकर शिकायत करते रहते हैं।