(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
अमेठी : उत्तर प्रदेश के अमेठी में बीती रात एक दिल दहलाने वाली घटना में एक ही परिवार के चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अज्ञात हमलावरों ने दलित शिक्षक दंपत्ति के साथ उनके दो मासूम बच्चों को भी गोली मार कर मौते के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद जहां पूरे इलाके में दहशत का माहौल है, वहीं मृतकों के परिजन गहरे सदमे में हैं। बेटे, बहू और दो पोतियों की अज्ञात हमलावरों द्वारा निर्मम हत्या से दुखी और आक्रोशित व्यक्ति के पिता राम गोपाल का कहना है कि वे भी हत्यारों का यही हश्र देखना चाहते हैं।
मरने वालों में सरकारी स्कूल के शिक्षक 35 वर्षीय सुनील कुमार, 32 वर्षीय पत्नी पूनम और उनकी दो बेटियां 6 साल की दृष्टि और मात्र एक साल की सुनी शामिल हैं। हमलावरों ने वारदात को गुरूवार शाम अहोरवा भवानी क्षेत्र में अंजाम दिया। इस दौरान हमलावरों ने दलित शिक्षक दंपत्ति के किराए के घर में घुसकर सभी की गोली मारकर हत्या कर दी।
इस मामले को लेकर मृतक सुनील कुमार के पिता राम गोपाल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर पुलिस ने उनकी बहू पूनम द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत पर कार्रवाई की होती तो यह सब नहीं होता। शुरुआती पुलिस जांच में पता चला है कि पूनम ने 18 अगस्त को रायबरेली में चंदन वर्मा नाम के व्यक्ति के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत और छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई थी। पूनम ने शिकायत में यह भी कहा था कि अगर उसे या उसके परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए चंदन वर्मा जिम्मेदार होगा। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि हत्याएं इस मामले से जुड़ी हैं या नहीं।
इस घटना पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। दलित परिवार की हत्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है, वहीं घटना को लेकर विपक्षी नेताओं ने राज्य की कानून व्यवस्था पर तीखा हमला किया है। वहीं, शवगृह के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए घटना से दुखी पिता राम गोपाल ने बताया कि सुनील उनके परिवार में कमाने वाला एकमात्र सदस्य था। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा, मेरे बेटे के चले जाने के बाद, मेरे पास कमाने वाला कोई नहीं है। मेरी उम्र 60 साल से ज्यादा है। मेरा एक और बेटा है जो अलग रहता है। अगर उसे नौकरी मिल जाए, तो अच्छा रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि वे हत्यारों का भी यही हश्र देखना चाहते हैं।
राम गोपाल ने आगे बताया कि उन्हें नहीं पता कि यह सब कैसे हुआ क्योंकि उनका बेटा अमेठी में काम करता था और वहीं रहता था, जबकि चंदन वर्मा रायबरेली के एक गांव में रहता है। उन्होंने कहा कि वे दलित है लेकिन चंदन वर्मा कौन है और किस जाति का है, वे इस बारे में कुछ नहीं जानते। उन्होंने बताया कि एक बार उनकी बहू ने उनसे कहा था कि उसने किसी चंदन वर्मा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। राम गोपाल ने कहा कि अगर पुलिस ने कोई कार्रवाई की होती तो आज यह नौबत नहीं आती उन्होंने आगे कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे, बहू और दो पोतियों की हत्या के पीछे वही लोग थे या नहीं।
अमेठी में शवों का पोस्टमार्टम कर शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। राम गोपाल शवों को रायबरेली के ऊंचाहार स्थित अपने पैतृक गांव सुदामापुर ले गए हैं जहां शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मामले में कार्रवाई को लेकर अमेठी के पुलिस प्रमुख अनूप कुमार सिंह ने बताया कि जांच के लिए पुलिस की पांच टीम बनाई गई हैं। फिलहाल घटना को लेकर अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)