अखिलेश यादव और राजा भैया (फोटो-नवभारत डिजाइन)
लखनऊः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 में होना है, लेकिन अखिलेश यादव फील्डिंग अभी से सेट कर रहे हैं। इसके साथ ही साथ रहने वालों और खिलाफ रहने वालों पर भी बेबाकी से जवाब दे रहे हैं। आज समाजवादी पार्टी के कार्यालय में अखिलेश यादव ने कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) पर सियासी बम फोड़ दिया है। उनकी इस तीखी बयानबाजी से स्पष्ट हो गया है कि कुंडा विधायक और सपा सुप्रीमो में अब दोस्ती नहीं है और न ही इसके दूर-दूर तक आसार हैं।
एक सवाल का जवाब देते हुए पूर्व सीएम यादव ने राजा भैया का बिना नाम लिए तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने जो फैसला किया था, वह मुझे नहीं बदलना चाहिए था। अखिलेश यादव का सीधा इशारा मायावती की सरकार द्वारा राजा भैया पर लगाए गए POTA एक्ट की तरफ था, जिसे सपा सरकार ने हटा दिया था।
‘जाएगी कुंडा की विधायकी’
अखिलेश यादव मंगलवार को सपा के लखनऊ कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान प्रतापगढ़ सपा के कार्यकारी जिलाध्यक्ष गुलशन यादव के खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अखिलेश यादव ने दो टूक कहा कि राजा भैया को चुनाव हारने से कोई नहीं बचा सकता है।
राजा भैया ने दर्ज करवाई गुलशन के खिलाफ FIR
गौरतलब है कि गुलशन यादव और जेल में बंद उनके भाई छविनाथ यादव अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। गुलशन यादव कुंडा विधानसभा से राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। चुनाव प्रचार के दौरान से ही अखिलेश-गुलशन और राजा भैया के बीच तल्खियां बढ़ी हुई हैं। गुलशन के खिलाफ राजा भैया ने ही FIR दर्ज करवाई है, इसके बाद 7 करोड़ की उनकी संपत्ति सरकार द्वारा कुर्क कर दी गई। अखिलेश यादव के इस बयान से स्पष्ट है कि मायावती के बाद अब अखिलेश यादव से भी राजा भैया की दुश्मनी हो गई है। सपा सरकार आने पर राजा भैया के खिलाफ दर्ज मामलों पर कार्रवाई तेज हो सकती है।
राजा भैया और सरकार को एक साथ अखिलेश ने लपेटा
दरअसल, प्रतापगढ़ में सपा नेता गुलशन यादव पर हो रही कार्रवाई को लेकर अखिलेश से सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा- यह हम सब जानते हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों हो रही है? आर्थिक रूप से भी जितना तोड़ा जा सकता है, तोड़ा जा रहा है। टाइम लाइन देखिए मुकदमे कब दर्ज हुए हैं? पुलिस कप्तान जो थे, उनसे बात की तो लगा कि उनके ऊपर दबाव है। एफआईआर कौन लोग करवा रहे हैं? वो घबराए हुए लोग हैं। जिन्हें चुनाव हारना निश्चित है। वो लोग चुनाव हारेंगे। उन्हें कोई भी गणित चुनाव नहीं जिता सकता। मैं आपको वो बातें याद दिला दूं, जिसे याद नहीं दिलानी चाहिए। बहुजन समाज पार्टी ने कोई फैसला लिया था उस जिले में, वो फैसला मुझे बदलना नहीं चाहिए था। अखिलेश यादव का इशारा राजा भइया पर लगे पोटा कानून की ओर था।