
आजम खान (डिजाइन फोटो)
 
    
 
    
Azam Khan on Anuj Chaudhary: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने कई बड़े खुलासे किए। उन्होंने सपा सरकार में एक पुलिस अधिकारी को मिले प्रमोशन की कहानी बताई, कानूनी खर्चों के लिए पार्टी से मदद लेने से इनकार कर दिया और इमरजेंसी के दौरान जेल के अपने अनुभव साझा किए।
आजम खान ने यूपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अनुज चौधरी के प्रमोशन का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि यह प्रमोशन समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान अखिलेश यादव ने दिया था। उन्होंने बताया कि जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब अनुज चौधरी को यह प्रमोशन मिला।
खान ने स्पष्ट किया कि चौधरी को प्रमोशन इसलिए दिया गया था क्योंकि वह पहलवानी का कोई मेडल जीतकर आए थे। खान ने आगे कहा कि ऐसा करना जरूरी नहीं था, लेकिन अखिलेश यादव ने ऐसा किया, जिसे वह अनुज चौधरी का नसीब मानते हैं।
आजम खान ने एक और घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब वह अपने सील किए गए पार्टी ऑफिस जा रहे थे, तब पुलिस आम लोगों को रोक रही थी, जबकि वहां धारा 144 लागू नहीं थी। उन्होंने पुलिसकर्मियों को बैरिकेड लगाकर लोगों को रोकने पर टोका। खान ने कहा कि उन्हें लगा कि लोगों की आजादी पर हमला नहीं होना चाहिए। उन्होंने पुलिस से कहा कि वे ऐसा करके सरकार को ही बदनाम कर रहे हैं, जिसकी सैलरी वे लेते हैं। खान ने यह भी याद दिलाया कि ‘हमारी सरकार ने आपको क्या दिया था’। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से यह बदसलूकी नहीं थी, वह उन्हें केवल याद दिलाना चाहते थे।
सपा नेता आजम खान से जब कानूनी मुकदमों की फीस और पेनाल्टी के लिए पार्टी से मदद मांगने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया। उन्होंने पूछा कि क्या उनकी ‘गैरत’ (ईमानदारी/आत्म-सम्मान) इस बात की इजाजत देगी। उन्होंने कहा, “मुझसे तो यह नहीं हो सकता। लोग ईमान का सौदा कर लेते होंगे, हमसे नहीं होगा”।
अपने भविष्य और मौजूदा स्थिति पर विचार करते हुए, खान ने संन्यास की संभावना पर बात की। उन्होंने सवाल किया कि अगर वह संन्यास ले लेते, तो क्या लोग उनसे मिलने आते। उन्होंने कहा कि लोग तो सिर्फ यह देखने आते हैं कि “बुझे हुए चिराग के पास जाने की क्या जरूरत है” और “चिराग में लौ कितनी है”। उन्होंने स्वीकार किया कि अब चिरागों का जलना उनके हाथ में नहीं है, लेकिन वह ‘रोशन होने के पक्ष में’ हैं।
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आजम खान ने अपने जीवन को एक खुली किताब बताया। उन्होंने आपातकाल (Emergency) के दिनों को याद करते हुए कहा कि उस दौरान उन्हें जमीन के अंदर की कोठरी में रखा गया था, जो आमतौर पर अपराधियों के लिए इस्तेमाल होती थी। हालांकि, इन कड़वे अनुभवों के बावजूद, उन्होंने न्याय पर अपनी उम्मीद जताई। खान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। उन्होंने माना कि इसमें वक्त लग सकता है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि वह सभी मुकदमों से बरी होंगे।






