
प्रतीकात्मक फोटो, सोर्स- सोशल मीडिया
 
    
 
    
ED Office Bomb Threat: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के शास्त्री भवन स्थित ईडी (ED) के दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय में शुक्रवार सुबह धमकी भरा ईमेल मिलने से हड़कंप मच गया। मेल में कार्यालय को 5 आरडीएक्स विस्फोटों से उड़ाने का दावा किया गया था, जिसके बाद भवन को खाली करा लिया गया।
पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी किया, लेकिन गहन जाँच के बाद यह धमकी फर्जी निकली। धमकी में सीपीआई-माओ और द्रविड़ लोगों का ज़िक्र यह धमकी भरा ईमेल शुक्रवार सुबह 7:59 बजे भेजा गया था, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि चेन्नई स्थित ईडी कार्यालय में जल्द ही 5 आरडीएक्स विस्फोट होंगे।
मेल भेजने वाले ने खुद को ‘एमपीएल राव’ बताया और सीपीआई-माओ संगठन से जुड़ाव का दावा किया। मेल में लिखा गया था कि “के.एन. नेहरू ईडी मामले के कारण, हम द्रविड़ लोग चेन्नई स्थित ईडी कार्यालय में विस्फोट करने की जिम्मेदारी लेते हैं”। यह ईमेल तमिलनाडु डीजीपी को भी भेजा गया था।
अन्य मामलों का भी उल्लेख ईमेल में ईडी कार्यालय को चेतावनी दी गई थी कि आज का विस्फोट ईडी के लिए एक चेतावनी होगा। मेल में कुछ अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों और अधिकारियों का भी उल्लेख किया गया। इसमें आईएएस उमाशंकर और उन्नामलाई त्यागराजन से संबंधित ईएलसीओटी (ELCOT) मामले से जुड़ी फाइलों का ज़िक्र था, जिनके बारे में कहा गया कि वे ईडी के अगले निशाने पर हैं।
यह धमकी तमिलनाडु के नगरपालिका प्रशासन, शहरी विकास एवं जल आपूर्ति मंत्री के.एन. नेहरू से जुड़े मामलों पर आधारित मानी जा रही है। ईडी वर्तमान में नेहरू की एक कंपनी की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है, जो 2021 में सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है।
एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि एक कंपनी ने 100 एमडब्ल्यू विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए ₹30 करोड़ का लोन लिया और उसे नेहरू के भाई के.एन. रविचंद्रन के स्वामित्व वाली ट्रू वैल्यू होम (टीवीएच) ग्रुप को डायवर्ट कर दिया गया था। जांच के दौरान, ईडी को तमिलनाडु के ‘कैश फॉर जॉब्स‘ घोटाले की जानकारी भी मिली, जिसमें एमएडब्ल्यूएस विभाग में नौकरी के बदले रिश्वत लेने के आरोप हैं।
यह भी पढ़ें: RSS पर बैन लगा देना चाहिए…बोले मल्लिकार्जुन खड़गे, पटेल के विचारों का सम्मान है तो ऐसा करें PM-शाह
सुरक्षा बलों ने 3 घंटे तक की तलाशी धमकी मिलते ही तमिलनाडु पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों और ईडी ने तुरंत हाई अलर्ट जारी कर दिया। एक 8 सदस्यीय बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (BDDS) टीम और स्निफर डॉग्स ने शास्त्री भवन की तीसरी मंजिल सहित पूरे परिसर में सघन तलाशी अभियान चलाया। लगभग तीन घंटे की जांच के बाद, कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली और भवन को सुरक्षित घोषित कर दिया गया, जिसके बाद हड़कंप खत्म हुआ और धमकी फर्जी साबित हुई।






