
बरेली में वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रयास शुरू करते आदित्य गंगवार, (सोर्स-सोशल मीडिया)
आज के आधुनिक दौर में जब ज्यादातर लोग अपना अधिकांश समय स्मार्टफोन की स्क्रीन पर बिता रहे हैं, तब उत्तर प्रदेश के बरेली शहर से एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी सामने आई है जो धैर्य और संकल्प की मिसाल पेश करती है। बरेली के सीबीगंज निवासी आदित्य शंकर गंगवार ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने की ठान ली है। आदित्य ने लगातार 220 घंटे (घोषित रूप से) बोलकर किताब पढ़ने का विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
आदित्य शंकर गंगवार ने शनिवार सुबह 9:30 बजे से रिकॉर्ड बनाने के लिए किताब पढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने अपनी इस चुनौतीपूर्ण शुरुआत के लिए एक विशेष किताब को चुना। जिस किताब को उन्होंने पढ़ना शुरू किया, उसका शीर्षक है ‘मंजिलें और भी हैं- कुछ खुद बदलें कुछ दुनिया बदले’। अपनी इस लंबी यात्रा में, आदित्य केवल एक ही तरह की सामग्री नहीं पढ़ेंगे, बल्कि वह उपन्यास (Novels) के साथ-साथ मैनेजमेंट (Management) और फाइनेंस (Finance) की किताबें भी पढ़ेंगे।
आदित्य का यह रिकॉर्ड प्रयास बेहद कठिन है क्योंकि उन्हें बिना सोए लगातार 220 घंटे किताब पढ़नी है। गिनीज बुक के मानकों के अनुसार, हर एक घंटा किताब पढ़ने के बाद उन्हें केवल पांच मिनट का ब्रेक मिलेगा। इस छोटे से ब्रेक में उन्हें खुद को तरोताज़ा रखने का मौका मिलेगा। इन पांच मिनटों के दौरान, आदित्य को पानी, जूस, चाय या कॉफी पीने की अनुमति होगी। लेकिन, सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह लगातार पढ़ने के दौरान नौ दिनों तक बिना भोजन के ही रहेंगे। यह संकल्प उनकी मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति की पराकाष्ठा को दर्शाता है।
वर्तमान में, लगातार सबसे लंबी अवधि तक पढ़ने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड नाइजीरिया के एक युवक के नाम दर्ज है। यह रिकॉर्ड 215 घंटे पढ़ने का है। यदि आदित्य शंकर गंगवार सफलतापूर्वक 220 घंटे का लक्ष्य पूरा कर लेते हैं, तो वह नाइजीरियाई रिकॉर्ड को तोड़ देंगे। उनके पिता शंकर लाल गंगवार ने बताया कि आदित्य एमएड की पढ़ाई करने के साथ-साथ समाजसेवा से भी जुड़े हैं। उनके मन में लंबे समय से विश्व रिकॉर्ड बनाने की इच्छा थी। इस रिकॉर्ड प्रयास के लिए उन्होंने आठ माह पहले गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड मुख्यालय को मेल किया था। लंबे इंतजार के बाद मुख्यालय से उन्हें इस चुनौतीपूर्ण प्रयास के लिए अनुमति प्रदान की गई।
रिकॉर्ड की प्रामाणिकता और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी की व्यवस्था की गई है। इस रिकॉर्ड प्रयास पर नजर रखने के लिए 24 लोगों की टीम बनाई गई है, जो अलग-अलग शिफ्टों में तैनात रहकर आदित्य की निगरानी करेगी। इसके अलावा, पूरे 24 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करने के लिए कई कैमरे भी उनकी लगातार निगरानी करेंगे।
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यदि आदित्य का यह रिकॉर्ड सफलतापूर्वक बनता है, तो इससे न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से ख्याति मिलेगी, बल्कि यह विश्व भर में बरेली का नाम रोशन करेगा। आदित्य का यह प्रयास हमें यह याद दिलाता है कि जब दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती। उनका यह प्रयास एक तरह से मैराथन दौड़ जैसा है, जहां लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हर सेकंड की एकाग्रता और धीरज की आवश्यकता होती है।






