कुशीनगर मस्जिद निर्माण
कुशीनगर: जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जिला प्रशासन ने कथित रूप से सरकारी जमीन पर एक मस्जिद के निर्माण को लेकर कार्रवाई शुरू कर चुकी है। वहीं इस जांच में सरकारी भूमि पर अतिक्रण कर मस्जिद निर्माण की पुष्टि होने के बाद नगरपालिका प्रशासन ने अपने अवर अभियंता के जांच आख्या पर मदनी मस्जिद के दो पक्षकारों को नोटिस भेज चुका है। इसके साथ ही मस्जिद पर भी नोटिस चस्पा कर चुका है।इस नोटिस में आज यानी 7 जनवरी 2025 तक आवश्यक कागजात और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश है।
वहीं संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करके 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है। उन्होंने बताया कि जांच में मदनी मस्जिद के नाम से मशहूर मस्जिद के सरकारी जमीन पर निर्माण की पुष्टि होने के बाद नगर निगम प्रशासन ने दो पक्षकारों को नोटिस भेजा है और एक नोटिस मस्जिद परिसर में चिपका दिया है।अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने संरचना की वैधता की पुष्टि के लिए संबंधित दस्तावेज और नक्शे मांगे हैं।
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जानकारी दें कि, बीते 25 दिसंबर को नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी मीनू सिंह ने अजमतुन निशा और उनके पति को नोटिस जारी करके उन्हें निर्माण गतिविधियों को तुरंत रोकने का निर्देश दिया है। नोटिस निर्माणाधीन मस्जिद पर चिपका दिया गया है। नोटिस में बताया गया है कि 21 दिसंबर 2024 की सहायक अभियंता की रिपोर्ट के अनुसार, गांधीनगर के वार्ड नंबर 21 में भूमिगत कमरों सहित मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है।
इस जारी नोटिस के अनुसार, “बार-बार अनुरोध के बावजूद, निर्माण को मान्य करने के लिए कोई दस्तावेज या नक्शा उपलब्ध नहीं कराया गया।” नोटिस में आज यानी 7 जनवरी 2025 तक आवश्यक कागजात और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है, “अनुपालन न करने पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें पक्षों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
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जानकारी दें कि, हिंदूवादी नेता राम वचन सिंह ने बीते 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री के पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि हाटा में एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाई जा रही है। उन्होंने निर्माण के लिए धन के स्रोत के बारे में भी चिंता जताई थी। इसके बाद, जिला प्रशासन ने पांच दिवसीय जांच की और अतिक्रमण की पुष्टि करते हुए अपने निष्कर्ष सरकार को सौंप दिए थे।
तमकुही राज के उप जिलाधिकारी वैभव मिश्रा ने राजस्व टीम के स्थल निरीक्षण के आधार पर राजस्व संहिता की धारा 67 के तहत कार्यवाही शुरू की थी। उन्होंने कहा था कि, कानूनी कार्यवाही जारी है और तहसीलदार की अदालत सभी पक्षों की सुनवाई के बाद आदेश पारित करेगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)