भारत का ऐसा शहर जहां नहीं है एक भी ट्रैफिक सिग्नल
Unique City: किसी भी शहर में यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत होती है। छोटा शहर हो या मेट्रो सिटी अगर यहां पर कोई समस्या होती है तो वह सड़कों पर लगने वाला ट्रैफिक जाम है। दिल्ली, जयपुर, मुंबई जैसे शहरों में घंटों तक लोग ट्रैफिक जाम में फंसे रहते हैं। ऑफिस, स्कूल या अन्य किसी जरूरी काम के लिए सुबह या शाम को निकलते समय एक या दो घंटे पहले ही लोगों को निकलना पड़ता है। जिससे वह समय पर पहुंच सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा भी शहर है जहां पर ट्रैफिक रेड लाइट सिग्नल नहीं है।
मध्य प्रदेश के कोटा शहर में ट्रैफिक सिग्नल नहीं है। वैसे तो कोचिंग सिटी के नाम से मशहूर इस शहर में अलग-अलग हिस्सों से छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। लेकिन इस शहर की पहचान इसके अलावा भी अन्य चीज है जो कि ट्रैफिक सिग्नल है। कोटा विश्व का ऐसा करने वाला दूसरा शहर है जो ट्रैफिक सिग्नल फ्री है। वहीं भूटान की राजधानी थिंपू ऐसा करने वाला पहला शहर है।
कोटा शहर अब सिग्नल फ्री हो गया है और ऐसा करने वाला भारत का पहला शहर है, वहीं बेंगलुरु जैसे अन्य शहर अधिक संख्या में ट्रैफिक सिग्नल के लिए जाने जाते हैं। कोटा के लगभग हर चौराहों पर सिग्नल हट गए हैं। ओवर ब्रिज, अंडरपास के साथ शहर की रफ्तार बदल चुकी है। वाहनों की रफ्तार भी बदली है। वहीं इस शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिल चुकी है। दरअसल कुछ समय पहले कोटा शहर में भी काफी जाम लगता था।
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इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए कोटा यूआईटी ने छोटे-छोटे डायवर्जन बनाए और सड़कों को चौड़ा किया गया। इसके साथ ही रूट इस तरह से तय किए कि ट्रैफिक लाइट की जरूरत ही न पड़े। हालांकि इस शहर में कई स्थानों पर ट्रैफिक की समस्या रहती है। बिना ट्रैफिक सिग्नल के कोटा की सड़कों पर वाहन बहुत ही तेज रफ्तार से दौड़ते हुए नजर आते हैं। जिसकी वजह से लोगों को आने जाने का समय काफी बचता है।