दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर (सौ. सोशल मीडिया)
Largest Buddhist Temple: दुनिया में भगवान बुद्ध से संबंधित कई धार्मिक स्थल मौजूद हैं जिनके दर्शन करने श्रद्धालुओं की लाइन लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान बुद्ध का सबसे बड़ा मंदिर इंडोनेशिया के जावा में स्थित है। भगवान बुद्ध का यह मंदिर बोरोबुदुर के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण करीब 9वीं शताब्दी में हुआ था। कहा जाता है कि इस मंदिर को शैलेंद्र राजवंश ने बनवाया था। उंची पहाड़ियों पर बसा यह बौद्ध मंदिर बहुत ही सुंदर लगता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि कई सालों तक बौद्ध मंदिर ज्वालामुखी की राख और जंगलों से ढका हुआ था।
बोरोबुदुर मंदिर को साल 1970 के दशक में यूनेस्को की मदद से रिस्टोर किया गया था। जिसके बाद यह तीर्थयात्रियों और एडवेंचर लवर्स के बीच काफी फेमस हो गया। जानकारी के अनुसार इंडोनेशिया में प्राचीन मंदिरों को चण्डी के नाम से जाना जाता है। इस वजह से कई बार स्थानीय लोग इसे चण्डी बोरोबुदुर भी कहते हैं। यह मंदिर विश्व का सबसे बड़ा और महान बौद्ध मंदिर में शामिल है। शैलेन्द्र राजवंश ने इस मंदिर का निर्माण करीब 778 -850 ईस्वी के बीच करवाया था। इस मंदिर की खोज से पहले यह कई सालों तक ज्वालामुखी की राख के नीचे दबा हुआ था।
बोरोबुदुर मंदिर
इस मंदिर की खोज एक अंग्रेज लेफ्टिनेंट गवर्नर थॉमस स्टैमफोर्ड रैफल्स ने की थी। साल 1814 में रैफल्स सेमारंग के दौरे पर गए थे। उस समय वह बुमिसेगोरो गांव के बास जंगल में एक बड़े स्मारक को देखा और उसकी जानकारी ली। इस मंदिर को जमीन से बाहर निकालने की जिम्मेदारी डच इंजीनियर एच कॉर्नेलियस को दी गई। यह मंदिर साल 1834 में पूरी तरह से बाहर निकाला गया।
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भगवान बौद्ध का यह सबसे बड़ा मंदिर आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है। यहां पर दुनियाभर के लोग इस मंदिर को देखने आते हैं। इस मंदिर को एक बड़े स्तूप के रूप में बनाया गया है। इस मंदिर की नींव वर्गाकार है जो करीब 118 मीटर की है। यहां पर बने प्रत्येक स्तूप में बुद्ध की मूर्ति है। इस मंदिर में मई या जून के समय पूर्णिमा के दिन एक बार ही पूजा की जाती है। यहां पर इंडोनेशिया के बौद्ध नागरिक आते हैं और पूजा पाठ करते हैं। इस दिन इंडोनेशिया में बौद्ध धर्मावलंबी गौतम के जन्म, निधन और बुद्ध शाक्यमुनि के रूप में ज्ञान प्राप्त करने के उपलक्ष में वैशाख के तौर पर मनाते हैं। इस दिन इंडोनेशिया में राष्ट्रीय छुट्टी भी मनाई जाती है।