इंडोनेशिया में सरकार के खिलाफ जनता का प्रदर्शन (फोटो- सोशल मीडिया)
Indonesia Protests: इंडोनेशिया इन दिनों गंभीर सामाजिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। राजधानी जकार्ता सहित कई शहरों में लोग सांसदों की तनख्वाह बढ़ाने के फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। यह आंदोलन अब हिंसक प्रदर्शन में बदल गया है।
मकासर शहर में शुक्रवार रात प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय संसद भवन को आग के हवाले कर दिया। वहीं हाल ही में एक दर्दनाक घटना में पुलिस वाहन द्वारा एक डिलीवरी बॉय को कुचलने के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया। इस हादसे में युवक की मौत हो गई, जिससे पूरे देश में तनाव और बढ़ गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने अपनी आगामी चीन यात्रा रद्द कर दी। उन्हें 3 सितंबर को द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित विक्ट्री डे समारोह में हिस्सा लेना था। राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, उन्होंने यह फैसला देश के हालात पर नजर रखने और उचित प्रबंधन के लिए लिया है।
🚨ALL EYES ON INDONESIA’S DYING DEMOCRACY🚨
From the misuse of tear gas to the open fire of live bullets. From ‘foreign henchmen’ narratives to ‘paid protests’ narratives. From promises of respecting dissent to silencing journalists#ProtectEachOther#StopPoliceBrutality pic.twitter.com/cbkUdLqEIY
— KontraS #StopGenocide🍉 (@KontraSupdates) August 30, 2025
जानकारी के मुताबिक, 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं, 200 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक 7 पुलिस अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है। साथ 600 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया गया है। राष्ट्रपति प्रबोवो ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और मृत डिलीवरी बॉय के परिवार से मुलाकात कर शोक व्यक्त किया है।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में आर्थिक सुधार और जनहित में नीतिगत बदलाव शामिल हैं। वे आउटसोर्सिंग की व्यवस्था समाप्त करने, मजदूरी बढ़ाने और छंटनी पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, टैक्स कानूनों को सरल और आम जनता के हित में बनाने की अपील कर रहे हैं, ताकि महंगाई और बेरोजगारी से राहत मिल सके।
🇮🇩 During the protests in Indonesia, the demonstrators seem to have seized tear gas belonging to the police.
This is absolutely fantastic. pic.twitter.com/L1Q4JwZRcb
— Antifa_Ultras (@ultras_antifaa) August 30, 2025
एक बड़ी मांग सांसदों के वेतन में कटौती की भी है, क्योंकि सांसदों को हर महीने लगभग 2.69 लाख रुपये का भत्ता मिलता है, जो न्यूनतम वेतन से 10 गुना अधिक है, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ा है।
इसके अलावा प्रदर्शनकारी पुलिस सुधार की भी मांग कर रहे हैं। वे डिलीवरी बॉय की मौत के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई और पुलिस प्रमुख को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
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YLBHI (इंडोनेशियाई कानूनी सहायता संस्था) ने पुलिस की बर्बरता और मानवाधिकार उल्लंघन की कड़ी निंदा की है। संस्था ने आरोप लगाया है कि, 600 से अधिक छात्रों को बिना किसी आरोप के हिरासत में लिया गया।