गुजरात अंबाजी मंदिर (सौ. सोशल मीडिया)
Navratri 2025: नवरात्रि के नौ दिनों में गुजरात आध्यात्मिक और आस्था के रंगों में रंग जाता है। यहां स्थित देवी मंदिर न सिर्फ धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि अपनी ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक भव्यता के लिए भी जाने जाते हैं। कहा जाता है कि इन मंदिरों में देवी शक्ति का वास है जहां दर्शन करने से मन को शांति मिलती है। अगर आप नवरात्रि को खास बनाना चाहते हैं तो गुजरात के कुछ प्रसिद्ध देवी मंदिरों के दर्शन का प्लान कर सकते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति मां दुर्गा की पूजा व व्रत करता उसकी हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बता दें कि नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर को हो जाएगा। ऐसे में आप कुछ प्रसिद्ध मंदिरों दर्शन करने जा सकते हैं।
गुजरात के भरूच शहर में डांडिया बाजार में स्थित नर्मदा माता मंदिर करीब 150 साल पुराना है। कहा जाता है कि देवी नर्मदा स्वप्न पूर्ति की देवी है। मान्यताओं के अनुसार भक्त के सपने माता पूरे करती हैं।
रुक्मिणी मंदिर भगवान कृष्ण की पहली पत्नी को समर्पित है। यह मंदिर द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर के पास है। यहां पर मंदिर पानी के एक कुंड पर स्थित है। यहां रुक्मिणी को महालक्ष्मी के रुप में देखा जाता है।
गुजरात के बनासकांठा जिले के अंबाजी कस्बे में स्थित अंबाजी मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर देवी अम्बे का शक्तिपीठ माना जाता है। नवरात्रि के समय इस पवित्र मंदिर के दर्शन का प्लान किया जा सकता है।
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कालिका माता मंदिर गुजरात के पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित है जो देवी काली को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं या 11 शताब्दी में करवाया गया था। नवरात्रि के समय यहां श्रद्धालुओं का भीड़ लगती है। यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
गुजरात का मां आशापुरा मंदिर भुज शहर से करीब 138 किमी दूर स्थित है। यहां पर कई समुदाय देवी आशापुरा को कुलदेवी के रुप में भी पूजते हैं। माना जाता है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रि के समय यहां एक वार्षिक मेला भी लगता है।