प्रतीकात्मक तस्वीर
नवभारत टेक डेस्क: आज के युग में तकनीक केवल हमारी दिनचर्या का हिस्सा नहीं रही, बल्कि यह देशों की आर्थिक प्रगति का मुख्य इंजन बन चुकी है। वैश्विक परिदृश्य में कुछ देश ऐसे हैं जो तकनीकी क्षेत्र में न केवल नेतृत्व कर रहे हैं, बल्कि पूरी दुनिया की दिशा तय कर रहे हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही प्रमुख देशों के बारे में जो तकनीक के क्षेत्र में शिखर पर हैं।
जापान तकनीक की दुनिया में एक अग्रणी राष्ट्र है। चाहे बात हो अत्याधुनिक ऑटोमोटिव इंजनों की, वीडियो गेम्स, रोबोटिक्स या ऑप्टिकल क्लॉक्स की — जापान हर क्षेत्र में न केवल निर्माण करता है, बल्कि उन्हें सफलतापूर्वक उपयोग भी करता है। टोयोटा, सोनी, होंडा, निसान, मित्सुबिशी जैसे ब्रांड जापान की ताकत को दर्शाते हैं। 2017 तक फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनियों में 51 जापान से थीं।
के-पॉप की चमक के साथ-साथ दक्षिण कोरिया तकनीकी मोर्चे पर भी बेहद मजबूत है। दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता आबादी के साथ यह देश मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल डिस्प्ले में अग्रणी है। सैमसंग और ह्युंडई जैसी कंपनियों के पीछे सरकार की सक्रिय तकनीकी नीति है।
चीन तकनीकी निर्माण का अपराजेय बादशाह बन चुका है। सेल्फ-ड्राइविंग कार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रिक वाहन, मोबाइल ऐप्स, सोलर पैनल — हर क्षेत्र में चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब उसका लक्ष्य सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री है, जिसे डिजिटल युग का “क्राउन ज्वेल” माना जाता है।
अमेरिका, जहां तकनीकी अनुसंधान में विशाल बजट खर्च किया जाता है, फेसबुक, गूगल, ट्विटर, डेल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों का गढ़ है। अमेरिकी सेना की तकनीकी ताकत — ड्रोन, स्टेल्थ बॉम्बर्स और युद्धपोत — पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है।
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जर्मनी का 19.1% वैश्विक औद्योगिक और यांत्रिक इंजीनियरिंग बाजार में हिस्सा है। बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, ऑडी, फॉक्सवैगन जैसी कंपनियां इसकी पहचान हैं। अब जर्मनी का फोकस रोबोट निर्माण पर है। ओसराम जैसी कंपनियां ऊर्जा-किफायती एलईडी में भी अग्रणी हैं।