Hackers ने कैसे किया ये बढ़ा काम। (सौ. AI)
ChatGPT Phishing Attack: आज के डिजिटल युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के फायदे जितने बड़े हैं, उसके दुरुपयोग के खतरे भी उतने ही गंभीर हैं। हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने ChatGPT जैसे AI चैटबॉट का इस्तेमाल साउथ कोरिया पर साइबर अटैक करने के लिए किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, हैकर्स ने AI की मदद से साउथ कोरियाई सेना का फर्जी आईडी कार्ड तैयार किया और इसका इस्तेमाल फिशिंग अटैक में किया। इस आईडी कार्ड ने फर्जीवाड़े को इतना असली दिखाया कि उसे पकड़ना मुश्किल हो गया।
इस हमले के पीछे नॉर्थ कोरिया के कुख्यात हैकर ग्रुप Kimsuky का नाम सामने आया है। यह ग्रुप लंबे समय से साइबर जासूसी करता आ रहा है। 2020 में अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने एक एडवायजरी जारी कर बताया था कि नॉर्थ कोरिया की सरकार ने इस ग्रुप को दुनियाभर से खुफिया जानकारी जुटाने का काम सौंपा है।
नवीनतम मामले में, इस ग्रुप ने साउथ कोरिया के पत्रकारों, शोधकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया। फिशिंग अटैक के लिए हैकर्स ने ईमेल भेजे, जिनमें ऐसे URL इस्तेमाल किए गए, जो देखने में बिल्कुल साउथ कोरियाई सेना के ऑफिशियल लिंक जैसे लगते थे।
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नॉर्थ कोरिया का यह हैकर ग्रुप अब AI की मदद से न केवल साइबर हमले कर रहा है, बल्कि विदेशी कंपनियों में घुसपैठ भी कर रहा है। पिछले महीने टेक कंपनी Anthropic ने खुलासा किया कि नॉर्थ कोरिया के हैकर्स AI टूल्स की मदद से अमेरिकी कंपनियों में नौकरी पा रहे हैं। वे फर्जी आईडी बनाकर, ऑनलाइन टेस्ट पास कर इन कंपनियों में शामिल हो जाते हैं और अंदर से संवेदनशील जानकारी चुराते हैं।
यही नहीं, OpenAI ने भी फरवरी 2025 में बताया था कि उसने नॉर्थ कोरिया से जुड़े कई अकाउंट्स सस्पेंड किए हैं। ये अकाउंट्स फर्जी रेज्यूमे, कवर लेटर और सोशल मीडिया पोस्ट बनाने के लिए AI का इस्तेमाल कर रहे थे।
यह मामला साफ दर्शाता है कि AI तकनीक जितनी उपयोगी है, उतनी ही खतरनाक भी बन सकती है अगर इसे गलत हाथों में दे दिया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में AI आधारित साइबर हमले और भी परिष्कृत होंगे और इसके खिलाफ मजबूत साइबर सुरक्षा उपाय करना बेहद जरूरी है।