डीपसीक एआई (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : भारत के पड़ोसी देश चीन ने हाल ही में एक नई एआई टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया है। चीन के इस नए एआई स्टार्टअप पर आईटी मंत्रालय अपनी पैनी नजर बनाए रखे हुए है। सेंसेटिव डेटा की चोरी सहित बाकी सभी अनजान खतरों के अंतर्गत इंफॉर्मेंशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री डीपसीक को लेकर अलर्ट मोड पर है। भारत में इस एआई टेक्नोलॉजी का तेजी से इस्तेमाल हो रहा है।
भारत सरकार के लिए किसी भी टेकनीक पर लगातार नजर रखना एक बहुत बड़ा चैलेंज है। इससे पहले डीपसीक की एंट्री के बाद अमेरिका के शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि भारतीय शेयर बाजार पर इसका उतना असर होता हुआ नहीं नजर आ रहा है। मंगलवार के दिन भारतीय शेयर बाजार 500 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ है।
टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में धमाका मचाने वाले और दुनिया भर के बाजारों में उथल-पुथल करने वाले डीपसीक की बढ़ती लोकप्रियता के चलते केंद्रीय एवं सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी मंत्रालय की चिंता सेंसेटिव डेटा को लेकर है। आपको जानकारी दें कि बेहद कम लागत वाले इस चीनी एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग भारत में भी किया जा रहा है और इसमें लगातार बढ़त हो रही है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, डीपसीक को लेकर आई4सी जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है, उसके ऑफिसर्स के साथ आईटी मिनिस्ट्री ने विचार विमर्श किया है। इससे पहले भी सरकार ने चीन के द्वारा निर्मित सबसे फेमस सोशल नेटवर्किंग ऐप टिकटॉक पर भी बैन लगा दिया था। नेशनल सिक्योरिटी कंसर्न को ध्यान में रखते हुए जेडटीई और हुआवेई जैसे चीनी टेलीकॉम उपकरण सप्लायर्स को बेसिक इंफ्रास्क्रचर से संबंधित कॉन्ट्रेक्ट में भाग लेने से बैन कर दिया गया था।
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आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि देश में कौन सी बड़ी कंपनियां या उससे जुड़े ऑफिसर्स डीपसीक को उपयोग में ला रहे है, इस पर आई4सी की निगरानी रखी जा रही है। साथ ही बाकी सभी पहलुओं पर भी स्टडी की जा रही है। एक सीनियर ऑफिसर के अनुसार, डीपसीक को लेकर चिंताएं बढ़ गई है। इसके लिए ज्यादा सोच समझकर फैसला लेने की जरूरत है, क्योंकि एआई का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि केवल सेंसेटिव डेटा के अंतर्गत ही आवश्यक कदम उठाएं जा रहे हैं। साइबर अटैक, लोकेशन, लेन सिस्टम के माध्यम से सेंछ लगाने सहित सभी ऐसी एक्टिविटीज हैं, जिनके अंतर्गत निगरानी रखी जा रही है।