
IRCTC में आया बदलाव। (सौ. Freepik)
IRCTC OTP Rule: दिसंबर 2025 की शुरुआत के साथ ही देशभर में यात्रियों, बैंक ग्राहकों और कारोबारियों के लिए कई बड़े नियम लागू हो गए हैं। भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए OTP आधारित सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। वहीं SBI ने ATM ट्रांजैक्शन चार्ज में संशोधन किया है, एमकैश सुविधा बंद हो चुकी है, GST रिटर्न को लेकर नियम सख्त हुए हैं, और अब मोबाइल पर कॉल आने पर कॉलर का असली नाम दिखेगा। इन बदलावों का सीधा असर करोड़ों उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
1 दिसंबर से रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग पर ओटीपी सिस्टम लागू कर दिया है। इसकी शुरुआत मुंबई सेंट्रल अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस से होगी। टिकट बुक करते समय IRCTC अकाउंट में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को दर्ज करना अनिवार्य होगा। रेलवे के अनुसार, “इस कदम से फर्जी मोबाइल नंबर पर टिकट बुकिंग रुक जाएगी और सही यात्रियों को टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी।” आने वाले महीनों में यह व्यवस्था सभी रेलवे जोन में लागू कर दी जाएगी।
नई प्रणाली केवल IRCTC वेबसाइट या मोबाइल ऐप तक सीमित नहीं रहेगी। यह नियम कंप्यूटरीकृत रेलवे काउंटर, अधिकृत रेलवे एजेंट, और सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लागू होगा। यात्रियों की सही पहचान सुनिश्चित करना इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य है। रेलवे ने सलाह दी है कि टिकट बुकिंग से पहले अपना मोबाइल नंबर अपडेट रखें क्योंकि ओटीपी भेजे जाने के बाद नंबर बदलना संभव नहीं होगा।
बैंक का कहना है कि ये बदलाव सेवा गुणवत्ता बढ़ाने और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किए गए हैं।
SBI ने YONO Lite और Online SBI पर उपलब्ध एमकैश सेवा को बंद कर दिया है। 1 दिसंबर से इस फीचर के जरिए न तो पैसे भेजे जा सकेंगे और न ही प्राप्त किए जा सकेंगे। बैंक ने ग्राहकों को UPI, IMPS, NEFT और RTGS जैसे विकल्पों का उपयोग करने की सलाह दी है। SBI के अनुसार, यह कदम सुरक्षा में सुधार के लिए आवश्यक था।
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GSTN ने घोषणा की है कि जो व्यापारी तीन साल या उससे अधिक समय से GST रिटर्न नहीं भर रहे, वे दिसंबर के बाद नई रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे। उन्हें पहले पुराने रिटर्न अपडेट करने होंगे। उद्देश्य कर प्रणाली में अनुशासन लाना और टैक्स अनुपालन बढ़ाना है।
15 दिसंबर से दूरसंचार विभाग CNAP (Caller Name Presentation) सिस्टम लागू करने जा रहा है। इसके बाद कॉल आने पर फोन स्क्रीन पर वही नाम दिखेगा, “जो कॉलर ने अपने KYC फॉर्म में दर्ज किया है।” इससे फर्जी और स्पैम कॉल पर प्रभावी रोक लगेगी और Truecaller जैसी ऐप्स की आवश्यकता काफी कम हो जाएगी।






