
AI की बच्चे करेंगे पढ़ाई। (सौ. AI)
 
    
 
    
AI in Education For Kids: अब देश के छोटे बच्चों को भी नई तकनीक से रूबरू कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा तीसरी और चौथी के छात्र भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बुनियादी जानकारी प्राप्त करेंगे। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत शिक्षा को भविष्य की मांगों के अनुरूप बनाने के लिए उठाया गया है।
NEP 2020 के अंतर्गत इस सत्र 2025-26 में पहली बार कक्षा पांचवीं की हिंदी पाठ्यपुस्तक वीणा में AI का अध्याय जोड़ा गया है। जबकि कक्षा छठीं से 12वीं तक के छात्र पहले से ही AI की पढ़ाई कर रहे हैं। अब सरकार चाहती है कि AI को प्रारंभिक शिक्षा स्तर पर भी शामिल किया जाए ताकि बच्चे बचपन से ही तकनीकी समझ विकसित कर सकें।
हाल ही में नीति आयोग ने अपनी “AI और रोजगार रिपोर्ट” जारी करते हुए चेताया कि आने वाले वर्षों में AI की वजह से करीब 20 लाख पारंपरिक नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि सही इकोसिस्टम विकसित किया जाए, तो लगभग 80 लाख नई नौकरियां सृजित की जा सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक AI को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है।
भारत सरकार के स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा, “भविष्य की मांग के आधार पर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए तैयार करना होगा। इसमें AI सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि AI के कारण रोजगार में बड़ा बदलाव आने वाला है। हमें तेजी से काम करने की जरूरत है।” उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों और छात्रों दोनों को तकनीक से जोड़ना अब समय की आवश्यकता है।
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सरकार ने शिक्षकों को AI के माध्यम से पढ़ाने के तरीकों में दक्ष बनाने की दिशा में कदम उठाया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत शिक्षकों को AI टूल्स की मदद से पाठ तैयार करने और पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कई प्रतिष्ठित स्कूलों में AI-आधारित शिक्षण पद्धतियों का ट्रायल चल रहा है। वर्तमान में CBSE के स्कूलों में कक्षा 5 से 12 तक AI वैकल्पिक या स्किल विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है।
नीति आयोग की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि ‘भारत AI टैलेंट मिशन’ को ‘भारत AI मिशन’ के साथ जोड़ा जाए, ताकि एक मजबूत सहयोगी ढांचा तैयार किया जा सके। इसमें सरकार, उद्योग जगत और शिक्षाविदों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सही दिशा में कदम उठाने से भारत न केवल अपने कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार कर सकेगा, बल्कि वैश्विक AI क्षेत्र में नेतृत्व भी स्थापित कर सकता है।






