
सीएम फडणवीस, एकनाथ शिंदे व अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
BMC Seat Sharing Formula BJP-Shiv Sena: राज्य की 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव का महाबिगुल बज चुका है। खासकर देश की सबसे अमीर मनपा मुंबई की सत्ता काबिज करने के लिए महायुति और महाविकास आघाड़ी ने एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक दी है। हालांकि महायुति में बड़ी हलचल हुई है। भाजपा ने पूर्व मंत्री नवाब मलिक को लेकर डिप्टी सीएम अजित पवार की एनसीपी से नाता तोड़ लिया है। बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और आरपीआई (आठवले) ने मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ने का फैसला किया है और 150 प्लस सीटें जीतने का फार्मूला तय किया गया है।
बीजेपी के दादर स्थित वसंत स्मृति कार्यालय में मंगलवार को सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी और शिंदे गुट के नेताओं की बैठक हुई। बीएमसी चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर महायुति की यह पहली बैठक थी। इसमें एनसीपी (एपी) को आमंत्रित नहीं किया गया था। बीजेपी की तरफ से मंत्री आशीष शेलार, मुंबई अध्यक्ष अमित साटम, एमएलसी प्रवीण दरेकर और शिंदे गुट से पूर्व सांसद राहुल शेवाले, सिद्धेश कदम, शीतल म्हात्रे और प्रकाश सुर्वे बैठक में शामिल हुए थे। मंत्री उदय सामंत ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हिस्सा लिया।
बैठक में बीएमसी चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई, दोनों दलों में सहमति बनी है कि जिस सीट से जिस दल का साल 2017 का पूर्व नगरसेवक है, वह सीट उस पार्टी के हिस्से जाएगी। अभी यह तय नहीं हो सका है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी। इस पर एक-दो दिनों में फैसला लिया जाएगा।
बैठक के बाद मंत्री आशीष शेलार ने ऐलान किया कि पूर्व मंत्री नवाब मलिक के कारण बीजेपी बीएमसी चुनाव में एनसीपी से गठबंधन नहीं करेगी। बैठक में महायुति का 150 प्लस का फार्मूला तय किया गया है। एक-दो दिनों में कौन किस सीट और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, यह फैसला कर लिया जाएगा। महायुति में बीजेपी- शिंदे सेना-आरपीआई (आठवले) मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि महायुति का मराठी भाषी ही मुंबई का महापौर बनेगा। उद्धव ठाकरे घोषित करें किस किस गली, मोहल्ले का उनका महापौर बनेगा।
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भाजपा नेता व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के अनुसार सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार होने पर सभी खुश होंगे। जहां बीजेपी मजबूत है और जहां शिवसेना मजबूत है, वह सीटे उस दल के हिस्से जाएगी। हालांकि उन्होंने कहा कि नागपुर और विदर्भ में शिंदे सेना के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। नागपुर मनपा में बीजेपी के 108 और शिवसेना के सिर्फ दो नगरसेवक चुने गए थे। शिवसेना अब दो हिस्सों में बंट गई है। दोनों पुराने नगरसेवक उद्धव ठाकरे की सेना में हैं। शिंदे सेना का एक भी नगरसेवक नहीं है। नागपुर में बीजेपी काफी मजबूत है। चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी के विधायक है।
शिंदे गुट ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोंका है। जबकि भाजपा शिंदे गुट को 90 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। भाजपा 130 से 135 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। आरपीआई (आठवले) को 7 सीटें दी जा सकती है।






