लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के.शर्मा (A. K. Sharma) ने यूपी विधानसभा सत्र के अंतिम दिन विपक्ष (Opposition) को आइना दिखाते हुए कहा कि वर्ष 2022-2023 का यूपी का बजट नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनाने वाला बजट (Budget) है। यह बजट उत्तर प्रदेश को प्रगतिशील समाज के निर्माण के साथ आधुनिक अवस्थापना सुविधा देने के साथ-साथ तेज गति से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था को और गति देने वाला है।
उन्होंने इस बात का उदाहरण देते हुए कहा कि बजट में जो विचार है उसकी कितनी बड़ी रेंज हैं, इसका उदाहरण इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां पर बजट में मैनुअल एक्सवेंजर के कल्याण की बात की गयी है, वहीं प्रदेश को 21वीं सदी का आधुनिक राज्य बनाने के लिए डेल्टा सेंटर पार्क स्थापित करने और उसमें 20 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की बात भी की गयी है। उसी प्रकार राज्य को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए अटल इन्डस्ट्रियल इफ्रा़स्ट्रक्चर मिशन जैसे कदम भी इसमें उठाए गए हैं।
विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने बजट भाषण के अंत में वित्त मंत्री द्वारा कोड किए गए शेर को भी पढ़ा और कहा कि वित्त मंत्री ने जो कहा कि इसी स्याह समन्दर से नूर निकलेगा मतलब पहले की सरकारों की कालिमा, जो उनके कुशासन का परिचायक थी, ऐसी व्यापक समस्या के समन्दर से निकालने का काम वर्तमान सरकार कर रही है। मुख्य विपक्षी दल पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग शिक्षा की बात करने लायक नहीं है। शिक्षा की गुणवत्ता में सबसे ज्यादा अवमूल्यन आपकी सरकार में हुआ है। उस समय आपकी सरकार में नकल एक प्रतिस्थापित व्यवस्था बन गयी थी। अगर सपा का शासन और कुछ वर्षों चला होता तो न तो पढ़ने वाले पढ़ने आते न पढ़ाने वाले मिलते।
साथ ही उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके शासन में माफियाओं और गुण्डों को संरक्षण था। उन्हीं लोगों का संवर्धन हुआ और यही कारण है कि हमारी सड़कें और हमारा इन्फ्रास्ट्रक्चर खराब बनता है और खराब लगता है। उन्हीं माफियाओं को कामों के ठेके मिलते थे और वो सारा का सारा पैसा हज़म कर जाते थे। उसी पैसे से वह लोग पचास-पचास गाडियां और सौ-सौ गनर लेकर घुमते है और आम आदमी को भयभीत करते है।
ऊर्जा विभाग ने कहा कि सपा के शासन में इटावा जिले के एक गांव में बिजली आती थी तो समझ लिया जाता था कि सभी गांवों में बिजली आ रही है। उन्होंने वर्तमान महीने में उत्तर प्रदेश के इतिहास में अभी तक की अधिकतम बिजली सप्लाई की भी बात की, जो 25,436 मेगावाट है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि सपा के शासन काल के पांच वर्षों में जो अधिकतम बिजली आपूर्ति हुई है वह भी वर्तमान समय के न्यूनतम विद्युत आपूर्ति (नॉन पीक डिमाण्ड) से कम है। इतना ही नहीं सपा शासन के किन्हीं 2 वर्षों के पीक डिमाण्ड को जोड़कर अधिकतम सप्लाई देखी जाए तो भी वह हमारी वर्तमान महीने की पीक डिमाण्ड से कम होता है।
ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा ने कहा कि योगी सरकार के पहले की सरकार ने अगर बिजली क्षेत्र में काम किया होता तो आज स्थिति बेहतर होती। योगी सरकार पिछले 5 वर्षों में ऐतिहासिक कार्य किया है, जो अभी भी चल रहा है और जिन्हें और आगे बढ़ाया जा रहा है। जैसे –
उन्होंने सपा पर और तंज कसते हुए कहा कि आपके संरक्षण में बिजली की चोरी होती थी इसलिए लाइनलॉस 40 प्रतिशत थी, जिसे हम कम करने की कोशिश कर रहें है। विपक्ष के एक और मुद्दे का भी जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि योगी सरकार के शासन काल में 2017 से 2022 तक में 1980 मेगावाट की नई उत्पादन क्षमता जोड़ी गयी है। वर्तमान में सीएम योगी के नेतृत्व में 5280 मेगावाट की तापीय विद्युत उत्पादन की परियोजनाएं विभिन्न स्तरों पर आगे बढ़ रही हैं, जो आने वाले कुछ महीनों में कार्यान्वित हो जाएंगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की तापीय विद्युत ऊर्जा की क्षमता पहले की अपेक्षा दोगुनी हो जाएगी।
उन्होंने विद्युत क्षेत्र में हो रहे दिन प्रतिदिन के कार्यों में इन्फ्रास्टक्चर के सुदृढ़ीकरण का हवाला देते हुए राज्य की जनता को आश्वस्त किया है कि हम गुणात्मक बिजली देने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और आम जनता का सहयोग मांगते हुए यह भी कहा कि लोग बिजली का बिल समय से जमा करें और बिजली की बचत करें। यह दोनों संदेश जनता में पहुंचाने जैसा है। इसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों और आम जनता के सहयोग के लिए अपील भी की।