नवनीत राणा (फाइल फोटो)
अमरावती: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के नामांकन की प्रक्रिया के बाद जैसे ही नामांकन पत्र की जांच की गई तो रामटेक लोकसभा निर्वाचन (Ramtek Lok Sabha Seat) क्षेत्र से कांग्रेस (Congress) की प्रत्याशी रश्मि बर्वे (Rashmi Barve) को जाति प्रमाण पत्र अवैध करार कर दिया गया। इस पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रक्रिया भी आई। सुप्रीम ने इस मामले में फटकार भी लगाई थी। अब जनता यह सवाल उठा रही है कि रश्मि बर्वे के मामले की तरह न्याय होगा या नहीं। नवनीत राणा के प्रकरण एक या दो दिनों में फैसला आने की संभावना जताई जा रही है।
SC ने नवनीत पर सुरक्षित रखा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हालही में लोकसभा सांसद नवनीत कौर राणा की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट के उनके जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी। 8 जून, 2021 को उच्च न्यायालय ने कहा था कि ‘मोची’ जाति प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था। इसने अमरावती के सांसद पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसमें कहा गया है कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह ‘सिख-चमार’ जाति से थीं।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जो महाराष्ट्र के अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। शीर्ष अदालत ने पहले राणा के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) द्वारा समर्थित राणा ने 2019 में अमरावती से जीत हासिल की और दावा किया कि वह ‘मोची’ जाति की सदस्य हैं।
उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने राणा को छह सप्ताह के भीतर प्रमाणपत्र सरेंडर करने को कहा था और उसे महाराष्ट्र कानूनी सेवा प्राधिकरण को 2 लाख रुपये का जुर्माना देने को कहा था। उच्च न्यायालय ने माना था कि अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए राणा का ‘मोची’ जाति से संबंधित होने का दावा फर्जी था और यह जानते हुए भी कि वह उस श्रेणी से संबंधित नहीं है, ऐसी श्रेणी के एक उम्मीदवार को विभिन्न लाभ प्राप्त करने के इरादे से किया गया था।
पटोले ने जताई आपत्ति
रश्मि बर्वे को कांग्रेस पार्टी ने रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था। उनका प्रमाणपत्र रद्द होने के बाद पटोले ने संवाददाताओं से कहा कि रामटेक में उनका मुकाबला एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के राजू पारवे से है। भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव हारने जा रही है और इसलिए, वह विपक्ष के खिलाफ इस तरह से साजिश रच रही है।
बर्वे का जाति वैधता प्रमाणपत्र रद्द करना राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है। उन्होंने कहा, हालांकि, पार्टी इस घटनाक्रम से डरी हुई नहीं है क्योंकि उसने रामटेक सीट के लिए दूसरा नामांकन दाखिल किया है। पटोले ने दावा किया कि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन चुनाव लड़ने के लिए उसे दूसरे दलों से उम्मीदवार आयात करने पड़ते हैं।