नागपुर विश्वविद्याल
नागपुर,महानगर संवाददाता: पहले नागपुर विश्वविद्यालय (Nagpur University) में पाली, प्राकृत, लॉ आदि पाठ्यक्रम में अध्ययन के लिए विदेशी छात्र (Foreign Students) बड़ी संख्या में आते थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या उंगली पर गिनने लायक रह गई है। अब एक बार फिर विदेशी छात्रों को आकर्षित करने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए विवि द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत विवि द्वारा तीन अलग-अलग समितियां गठित की गई हैं।
नई शिक्षा नीति में माइनर के तहत इंडियन नॉलेज सिस्टम से जुड़े विविध विषयों का समावेश किया गया है। अक्सर विदेशी छात्र इन विषयों के प्रति रुचि लेते हैं और पढ़ाई के लिए आते हैं। विवि ने विदेशी छात्रों के लिए नेल्सन मंडेला हॉस्टल भी बनाया है। छात्रों की संख्या कम होने से अब यह हॉस्टल भी खाली होने लगा है। सोमवार को बजट सत्र के दौरान सदस्यों ने विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए विविध योजनाएं बनाने की मांग की। वर्तमान में अधिकाधिक महाविद्यालय स्वायत्तता की दिशा में प्रयासरत हैं।
इससे विवि की आय पर भी असर पड़ा है। फिलहाल करीब 20 कॉलेजों ने स्वायत्तता ले ली है जबकि कुछ इंजीनियरिंग महाविद्यालय बाबासाहब आंबेडकर टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में शामिल हो गये हैं। यही वजह है कि अब विवि अपनी आय बढ़ाने के लिए नई योजनाओं पर कार्य कर रहा है। उपकुलपति प्रा। प्रशांत बोकारे ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में तीन समितियां गठित की गई हैं। इसमें प्र-उपकुलपति और कुलसचिव का समावेश किया गया है।
विवि ने उत्तीर्ण घोषित होने पर पुनर्मूल्यांकन शुल्क वापस करने का निर्णय लिया है। शीत सत्र 2023 की परीक्षा से छात्रों को शुल्क वापस किया जाएगा। सीनेट सभा में चर्चा के दौरान सदस्यों ने कहा कि विवि ने कुछ वर्ष पहले ही निर्णय लिया था लेकिन अब तक लागू नहीं किया गया। उपकुलपति बोकारे ने बताया कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि कितने छात्रों को शुल्क वापस किया जाना चाहिए। इस पर परीक्षा मंडल संचालक प्रफुल्ल साबले ने बताया कि शीत सत्र २०२3 से शुल्क वापस करने की शुरुआत की जाएगी