बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक शुरू (फोटो- सोशल मीडिया)
ECI Meeting on Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बस बजने ही वाला है और इससे पहले चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए भारत का चुनाव आयोग पटना पहुंच चुका है। आज शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में राजनीतिक दलों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक का मकसद चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने के लिए पार्टियों के सुझाव और शिकायतें सुनना है। लेकिन इस महत्वपूर्ण बैठक में एक नया राजनीतिक मोड़ आ गया है, क्योंकि कुछ दलों को इससे बाहर रखा गया है।
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, ऐसे में चुनाव आयोग की टीम का यह दो दिवसीय दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। CEC ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त विवेक जोशी और एस.एस. संधू भी पटना पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के ठीक बाद चुनाव की तारीखों का औपचारिक ऐलान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर के आखिरी सप्ताह और नवंबर में राज्य में कई चरणों में मतदान होने की संभावना है।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु एवं चुनाव आयुक्त डॉ. विवेक जोशी, बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी श्री विनोद गुंजियाल तथा आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ चर्चा शुरू हुई#ECI pic.twitter.com/A7pD2WtfLh — Election Commission of India (@ECISVEEP) October 4, 2025
चुनाव आयोग का पूरा जोर इस बार चुनाव को पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने पर है। राजनीतिक दलों के साथ बैठक के बाद आज आयोग की टीम राज्य के शीर्ष पुलिस, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और जिला-स्तरीय निर्वाचन अधिकारियों से भी मुलाकात करेगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था, बूथ प्रबंधन, मतदाता सूची और आदर्श आचार संहिता के पालन जैसी तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। आयोग ने पहले ही नई दिल्ली में 425 से अधिक केंद्रीय पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया है, जिन्हें CEC ने लोकतंत्र का प्रहरी और आयोग की “आंख और कान” बताया था।
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पटना के होटल ताज में हो रही इस बैठक ने एक नई बहस छेड़ दी है। चुनाव आयोग ने जहां बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस समेत प्रमुख दलों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है, वहीं तीन पार्टियों को निमंत्रण नहीं भेजा गया है। इनमें जीतनराम मांझी की ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा’ (HAM), मुकेश सहनी की ‘विकासशील इंसान पार्टी’ (VIP) और उपेंद्र कुशवाहा की ‘राष्ट्रीय लोक मोर्चा’ (RLM) शामिल हैं। इन दलों को बैठक से बाहर रखने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसने बिहार के सियासी गलियारों में हलचल जरूर पैदा कर दी है।