जय शाह के साथ अन्य चेयरमैन (डि़जाइन फोटो)
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नव-निर्वाचित चेयरमैन जय शाह ने कहा है कि वह अपने कार्यकाल में यह सुनिश्चित करेंगे कि टेस्ट क्रिकेट खेल का ‘आधार’ बने और इस दौरान वह ‘क्रिकेट की प्रगति में बाधा डालने वाली बाधाओं को दूर करने’ का भी प्रयास करेंगे। शाह के पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर के बाद ICC के अध्यक्ष बनकर अपनी हनक दिखा चुके हैं। सबने अपने अंदाज में काम किया और विश्व में इस खेल को एक नया मुकाम देने में मदद की।
आपको बता दें कि सबसे पहले जगमोहन डालमिया 1997 – 2000 तक, शरद पवार 2010 – 2012 तक, एन.श्रीनिवासन 2014 – 2015 और उसके बाद शशांक मनोहर 2015 – 2020 तक इस पद पर रह चुके हैं। शशांक मनोहर ने अक्टूबर 2015 में श्रीनिवासन का स्थान लेते हुए आईसीसी के चेयरमैन का पद संभाला था। अप्रैल 2016 में, संवैधानिक सुधारों के बाद, शशांक मनोहर 2018 के वार्षिक सम्मेलन तक आईसीसी के पहले स्वतंत्र निर्वाचित चेयरमैन बने थे।
ये है जय शाह का लक्ष्य
जय शाह ने आईसीसी चेयरमैन चुने जाने के बाद जारी एक बयान में कहा, “अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष के रूप में नामांकन से मैं अभिभूत हूं। मैं क्रिकेट को और अधिक वैश्विक बनाने के लिए आईसीसी टीम और हमारे सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं, जहां कई प्रारूपों के सह-अस्तित्व को संतुलित करना, उन्नत तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देना और हमारे प्रमुख आयोजनों को नए वैश्विक बाजारों में पेश करना तेजी से महत्वपूर्ण है। हमारा लक्ष्य क्रिकेट को पहले से कहीं अधिक समावेशी और लोकप्रिय बनाना होगा।
जय शाह ने कहा कि नयी जिम्मेदारी मिलने के बाद हम सीखे गए मूल्यवान सबक पर काम करेंगे, हमें दुनिया भर में क्रिकेट के प्रति प्यार को बढ़ाने के लिए नई सोच और नवाचार को भी अपनाने पर हमारा फोकस होगा। जय शाह ने कहा कि लास एजिल्स में होने वाले एलए 2028 ओलंपिक में क्रिकेट के खेल को शामिल करना क्रिकेट के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है और उनको पूरा विश्वास है कि यह खेल को अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ेगा।
इन पर भी देंगे ध्यान
बीसीसीआई द्वारा जारी एक बयान में, शाह ने टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता दी और कहा कि महिला क्रिकेट और दिव्यांग क्रिकेट के लिए अधिक संसाधन आवंटित करने की कोशिशें होंगी, ताकि किसी के साथ भेदभाव न दिखे। शाह ने कहा, “मैं अपने कार्यकाल के दौरान प्रतिभा खोज के लिए एक अलग कार्यक्रम स्थापित करने की दिशा में भी काम करना चाहूंगा और मैं इस कार्यक्रम में आपके समर्थन की आशा करता हूं।”
साथ ही कहा कि टी20 स्वाभाविक रूप से एक रोमांचक प्रारूप है, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि टेस्ट क्रिकेट सभी के लिए प्राथमिकता बना रहे क्योंकि यह हमारे खेल का आधार है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि क्रिकेटरों को लंबे प्रारूप की ओर आकर्षित किया जाए और हमारे प्रयास इस लक्ष्य की ओर निर्देशित होंगे। मैं उत्सुकता से ऐसे कार्यकाल की प्रतीक्षा कर रहा हूँ, जिसमें सहयोगात्मक प्रयासों से भरपूर काम हो, और क्रिकेट की प्रगति में बाधा डालने वाली बाधाओं को दूर करने का प्रयास हो। हमारे सामने आने वाली हर चुनौती एक छिपे हुए अवसर की तरह है, और साथ मिलकर हम प्रतिकूल परिस्थितियों को जीत में बदल देंगे।
आपको बता दें कि 2009 में गुजरात राज्य में अपने क्रिकेट प्रशासन करियर की शुरुआत करने के बाद जय शाह अक्टूबर 2019 से बीसीसीआई सचिव हैं। 2022 में वह आईसीसी की प्रभावशाली वित्त और वाणिज्यिक मामलों (एफ एंड सीए) समिति का हिस्सा बने और 2023 में इसके अध्यक्ष बने। शाह को 2022 में बीसीसीआई सचिव के रूप में फिर से चुना गया और उनका कार्यकाल 2025 तक चलना था। आईसीसी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, उन्हें बीसीसीआई और आईसीसी की एफ एंड सीए समिति में अपना पद छोड़ना होगा। शाह 2021 से 2024 तक एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
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वर्ष 2019 से बीसीसीआई सचिव की भूमिका निभा रहे 35 वर्षीय शाह 62 वर्षीय ग्रेग बार्कले से एक दिसंबर को पदभार ग्रहण करेंगे। वह आईसीसी के सबसे युवा चेयरमैन होंगे। न्यूजीलैंड के बार्कले ने दो साल के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया।