यशस्वी जायसवाल (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को 1-3 से हार मिली। भारतीय टीम को सिर्फ पहले टेस्ट सीरीज में ही जीत मिली। उसके बाद तो भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा और सीरीज गंवानी पड़ी। इस सीरीज के हार के बाद भारत के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने अपना ऑस्ट्रेलिया के पहले दौरे का अनुभव बताया। जायसवाल ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे ने हमें बहुत कुछ सिखाया है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद यशस्वी जायसवाल ने मजबूत होकर लौटने का संकल्प लिया है। सीरीज में 43.44 की औसत से 391 रन बनाए। वो इस सीरीज में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। 23 वर्षीय जायसवाल ने पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में 161 रनों की शानदार पारी खेली थी। इसके साथ ही भारतीय टीम ने पहला मुकाबला 295 रनों से जीता था। इस जीत में जायसवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा जायसवाल ने दो अर्धशतक भी लगाए।
जायसवाल ने सोशल मीडिया साइट पर लिखा कि मैंने ऑस्ट्रेलिया में बहुत कुछ सीखा है। जायसवाल ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘‘मैंने ऑस्ट्रेलिया में बहुत कुछ सीखा… दुर्भाग्य से, परिणाम वह नहीं था जिसकी हमें उम्मीद थी लेकिन हम और मजबूत होकर लौटेंगे। आपका समर्थन ही सब कुछ है।”
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इस हार ने भारत की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदों को भी तोड़ दिया। अब फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा। फाइनल का मुकाबला 11 जून से इंग्लैंड के लॉर्ड्स में खेला जाएगा। भारत की हार ने प्रशंसकों और विशेषज्ञों को निराश किया है लेकिन दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने जायसवाल और नितीश कुमार रेड्डी जैसी युवा प्रतिभाओं का समर्थन किया है और ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत पर जोर दिया है जो अपने विकेट को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं।
सुनील गावस्कर ने कहा कि आप उन खिलाड़ियों पर ध्यान दें जो भारत और खुद के लिए नाम बनाने के भूखे हो। टीम में ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है। आपको ऐसी खिलाड़ी की जरूरत है जो अपने विकेट की रक्षा जान की तरह करें।