भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी (फोटो- सोशल मीडिया)
Parvez Rasool Retirement: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही है। इस सीरीज का पहला मुकाबला 19 अक्टूबर को हुआ था, जिसमें भारतीय टीम को 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद टीम इंडिया सीरीज में 0-1 से पिछड़ चुकी है। अब जब टीम दूसरे वनडे की तैयारी में जुटी है, उससे पहले एक बड़ी खबर सामने आई है। टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर परवेज रसूल ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है।
जम्मू-कश्मीर से आने वाले परवेज रसूल भारतीय क्रिकेट में एक खास पहचान रखते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “भारत के लिए खेलना मेरे जीवन का सबसे गौरवशाली पल था। मैंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और अपने सफर पर गर्व है। जम्मू-कश्मीर जैसा क्षेत्र, जो क्रिकेट के लिए ज्यादा जाना-पहचाना नहीं था, वहाँ से निकलकर भारत के लिए खेलना मेरे लिए सम्मान की बात है।”
#Cricketer from #Kashmir #ParvezRasool announces retirement from all formats https://t.co/JzKJy9XmRr pic.twitter.com/TFwUsexrna — Rising Kashmir (@RisingKashmir) October 20, 2025
परवेज ने अपने शानदार घरेलू करियर में कई उपलब्धियाँ हासिल कीं। उन्होंने दो बार रणजी ट्रॉफी में लाला अमरनाथ ट्रॉफी जीती। पहली बार 2013-14 में और दूसरी बार 2017-18 में। इसके साथ ही वे जम्मू-कश्मीर से भारत और आईपीएल दोनों में खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने।
परवेज रसूल ने साल 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में अपना वनडे डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने 2017 में भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल मैच खेला। हालांकि उनका अंतरराष्ट्रीय सफर बहुत लंबा नहीं रहा। उन्होंने सिर्फ एक वनडे और एक टी20 मैच में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वनडे में उन्होंने 2 विकेट लिए, जबकि टी20 मुकाबले में एक विकेट हासिल किया। लगभग 8 साल पहले उन्होंने भारत के लिए आखिरी बार खेला था।
परवेज रसूल का घरेलू करियर बेहद शानदार रहा है। उन्होंने 95 फर्स्ट क्लास मैचों में 352 विकेट झटके और बल्ले से भी अहम योगदान दिया। वहीं 164 लिस्ट-ए मैचों में उन्होंने 221 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। टी20 प्रारूप में भी रसूल ने 71 मैचों में 60 विकेट अपने नाम किए।
ये भी पढ़ें: ‘आप महान खिलाड़ी बनेंगे…,’ रोहित शर्मा ने नीतीश कुमार रेड्डी की तारीफ में बांधे पुल
36 वर्षीय यह ऑलराउंडर भले ही अब मैदान से दूर हो रहा है, लेकिन उसने जम्मू-कश्मीर को नई पहचान दी है। रसूल का क्रिकेट सफर कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन चुका है, जो अब उनकी राह पर चलकर भारतीय क्रिकेट में नाम कमाना चाहते हैं।