श्रेयस अय्यर (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट को एक नया कैप्टन कूल मिल गया है। श्रेयस अय्यर की कप्तानी में पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स ने 10 साल के बाद खिताब जीता था। वहीं आईपीएल 2025 में उनकी कप्तानी में पंजाब किंग्स महज 6 रनों से इतिहास रचने से चूक गया। उन्होंने अपने आप को मुकाबले के दौरान बेहद शांत रखा और खुद को ऐसे कप्तान के रूप में स्थापित कर लिया है कि भविष्य में भारतीय टीम की कप्तानी कर सकते हैं।
महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा के बाद श्रेयस अय्यर आईपीएल के तीन फाइनल तक पहुंचाने वाले तीसरे कप्तान बन गए हैं। यह उपलब्धि उनके लिए बेहद खास है क्योंकि उन्होंने पिछले पांच वर्षों में तीन अलग-अलग फ्रेंचाइजी टीमों के साथ ऐसा कर दिखाया है। खास बात यह है कि यह सफलता ऐसे खिलाड़ी की है, जिसे इस महीने इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली है। शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है। गिल की कप्तानी की परीक्षा इंग्लैंड दौरे पर होगी।
आईपीएल 2025 के फाइनल 3 जून 2025 के बाद श्रेयस अय्यर को भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन कप्तानों में गिना जाना चाहिए। अय्यर की कप्तानी में धोनी जैसा संयम, विराट कोहली जैसा आक्रामक रवैया और रोहित शर्मा की तरह बिंदास मुंबईकर स्वभाव की झलक देखने को मिली है।
आईपीएल के फाइनल में मंगलवार को आरसीबी के खिलाफ छह रन की हार के बावजूद अय्यर के आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं आई। उन्होंने हार को पीछे छोड़ते हुए कहा कि अभी काम आधा बाकी है, हमें अगले साल जीतना है। पंजाब किंग्स के कोच रिकी पोंटिंग के लिए भी यह हैरानी की बात थी कि इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में अय्यर को जगह नहीं मिली।
पोंटिंग ने आईपीएल प्लेऑफ से पहले ‘आईसीसी रिव्यू’ में कहा था कि मैं वास्तव में बहुत दुखी था, लेकिन उसने इसे बड़े सम्मान से स्वीकार किया और आगे बढ़ गया। उन्होंने आगे कहा, “उनकी आंखों में हर बार अच्छा प्रदर्शन करने की ललक होती है। वह हर मैच जीतना चाहते हैं और एक सर्वश्रेष्ठ कप्तान के रूप में खुद को विकसित करना चाहते हैं।”
पोंटिंग ने यह बात केवल अपने फ्रेंचाइजी कप्तान श्रेयस अय्यर का समर्थन करने के लिए नहीं कही है, बल्कि इनके बीच एक गहरा और पुराना रिश्ता भी है। 2017 में जब गौतम गंभीर ने बीच सत्र में कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया था, तब पोंटिंग की सलाह पर ही अय्यर को दिल्ली की आईपीएल फ्रेंचाइजी का कप्तान बनाया गया था।
दिल्ली कैपिटल्स ने 2020 में आईपीएल फाइनल तक का सफर तय किया, जो उस टीम के लिए अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। हालांकि, चोट के कारण अय्यर को कुछ समय के लिए ब्रेक लेना पड़ा। उस दौरान टीम ने यह फैसला किया कि वे अय्यर को टीम में बनाए रखेंगे और ऋषभ पंत को खोने का जोखिम नहीं उठाएंगे, जो उस समय एक उभरता हुआ सितारा और कप्तानी की महत्वाकांक्षा रखने वाले खिलाड़ी थे।
इसके बाद अय्यर को केकेआर की कप्तानी सौंपी गई और उन्होंने 2024 में टीम को चैंपियन बनने में मदद की। हालांकि, इस खिताब का श्रेय अय्यर को पूरी तरह नहीं दिया जाता, क्योंकि उन्होंने टीम की रणनीति के तहत निचले क्रम में बल्लेबाजी की। टीम के तत्कालीन मेंटोंर और भारतीय टीम के मौजूदा कोच गंभीर को रणनीतिक सूझबूझ के लिए ज्यादा श्रेय मिला। कप्तान के सहज निर्णय और समझदारी की गयी तैयारियों पर किसी का ज्यादा ध्यान नहीं गया।
कोई खिलाड़ी हालांकि दो अलग-अलग फ्रेंचाइजी टीमों का नेतृत्व करते हुए अलग-अलग प्रबंधन, अलग-अलग विचारधारा और खिलाड़ियों की बदलती सूची के साथ लगातार दो सत्र में फाइनल तक पहुंचता है तो उसकी रणनीतिक प्रतिभा को लंबे समय तक अनदेखा नहीं किया जा सकता है। अय्यर को आखिरकार इस सत्र में उसका हक मिल गया। इससे यह भी साफ हो गया कि मैच की परिस्थितियों की समझ और रणनीति पर उसकी पकड़ बेजोड़ थी।
अय्यर को मैच में अपना शत प्रतिशत नहीं देने वाले खिलाड़ी (क्वालीफायर 2 में शशांक सिंह का रन आउट) के खिलाफ भड़कते हुए देखा गया तो वहीं वह प्रियांश आर्य जैसे युवा के कंधे पर हाथ रखकर उसे अपना स्वाभाविक स्ट्रोक खेलने के प्रेरित करते भी दिखे।
पंजाब किंग्स जब पहले क्वालीफायर में आरसीबी से हार गया था तो उन्होंने कहा था, ‘हम लडाई हारे हैं, युद्ध नहीं।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और उन्होंने क्वालीफायर दो में मुंबई इंडियंस के खिलाफ नाबाद 87 रन की पारी खेल कर इसे सही भी साबित किया। कप्तान के रूप में श्रेयस अय्यर ने एक अलग जगह बना ली है। उन्होंने मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में शांत रहना सीखा है और बाकी खिलाड़ियों को भी वही सलाह दी है। वो आने वाले दिनों में अगले महेंद्र सिंह धोनी की तरह कैप्टन कूल बन सकते हैं।