रोहित शर्मा और विराट कोहली (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क : भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत को 3-0 से हार का सामना करना पड़ा है। क्लीन स्वीप के बाद पूर्व खिलाड़ियों ने सीनियर खिलाड़ियों की जमकर आलोचना की। इस सीरीज में बल्लेबाजों ने सबसे ज्यादा निराश किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी अब घरेलू क्रिकेट खेलना भी पंसद नहीं करते हैं। हालांकि मौजूदा समय में कार्यक्रम भी ज्यादा होते हैं इस कारण भी इन खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट से छूट मिलती है।
ऐसा पहले नहीं था, अगर हम 2007 की बात करें तो जनवरी में भारतीय टीम का दक्षिण अफ्रीका का लंबा दौरा खत्म हुआ था। टीम को इसके बाद तुरंत वनडे विश्व कप की तैयारियों के लिए वेस्टइंडीज के साथ चार मैचों की वनडे सीरीज खेलनी थी। भारत ने 21, 24, 27 और 31 जनवरी को सीरीज का आखिरी मुकाबला खेला। इसके बाद तुरंत एक फरवरी को टीम के चार मुख्य खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए रवाना हो गए।
सचिन तेंदुलकर, जहीर खान, अजीत अगरकर, और सौरव गांगुली वडोदरा से रवाना होकर मुंबई पहुंचे और उन्होंने 2 से 6 फरवरी तक चलने वाले रणजी ट्रॉफी फाइनल में हिस्सा लिया। उस मैच में सचिन तेंदुलकर ने शतकीय पारी खेली थी। वहीं सौरव गांगुली ने 90 रनों की पारी खेली थी। जहीर खान ने कुछ महत्वपूर्ण विकेट चटकाए थे। जी फाइनल के 48 घंटे के अंदर तेंदुलकर, गांगुली और जहीर को श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला खेलनी थी और तब ‘कार्यभार प्रबंधन’ चर्चा का विषय नहीं था।
बड़े खिलाड़ियों के घरेलू क्रिकेट में बाहर रहने से सवाल उठने लगे हैं। क्या इन खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट से कोई मलतब नहीं है। या फिर ये लोग घरेलू क्रिकेट खेलना ही नहीं चाहते हैं। कोहली ने अपना पिछला रणजी ट्रॉफी मैच 2013 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ गाजियाबाद में खेला था। इस मैच में वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, आशीष नेहरा, ईशांत शर्मा, सुरेश रैना, मोहम्मद कैफ और भुवनेश्वर कुमार भी शामिल थे। यह शायद आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच था जिसमें राष्ट्रीय टीम के इतने सारे खिलाड़ी एक साथ खेल रहे थे। रोहित ने 2015 में अपना पिछला रणजी ट्रॉफी मैच खेला था।
उसके बाद विराट और रोहित ने 1-1 प्रथम श्रेणी मैच खेले। विराट कोहली ने 2017 के श्रीलंका दौरे से पहले भारत ए के लिए एक मैच खेला था। रोहित शर्मा ने 2019 में भारत ए के लिए एक मैच खेला था। इस मुकाबले के बाद ही रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में पारी का आगाज करना शुरू किया।
क्रिकेट के भागवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 200 टेस्ट के साथ 310 फर्स्ट क्लास मुकाबले भी खेले हैं। अपने व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के बावजूद उन्होंने 24 वर्षों में 110 फर्स्ट क्लास मुकाबले खेले। इसकी तुलना में कोहली ने 32 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और रोहित ने 2006 के बाद से प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 18 वर्षों में 61 मैचों के साथ कुछ बेहतर प्रदर्शन किया है। रोहित और कोहली को हालांकि दो महीने तक आईपीएल के व्यस्त कार्यक्रम से गुजरना पड़ता है। रोहित ने करियर में 448 और कोहली ने 399 मुकाबले खेले हैं।