रोजर बिन्नी (फोटो-सोशल मीडिया)
BCCI: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मौजूदा अध्यक्ष और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी शनिवार को 70 वर्ष के हो गए हैं। बिन्नी के 70 साल पूरा होने के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि वह आगामी सितंबर में होने वाली बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) तक अपने पद पर बने रहेंगे या तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देंगे। इस स्थिति में उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
इस पूरी स्थिति में एक नया मोड़ राष्ट्रीय खेल विधेयक के रूप में सामने आया है, जिसे केंद्र सरकार जल्द ही संसद के मानसून सत्र में पेश करने जा रही है। खेल मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा प्रस्तावित इस विधेयक में प्रशासकों की अधिकतम आयु सीमा को वर्तमान 70 वर्ष से बढ़ाकर 75 वर्ष करने जा रही है।
बीसीसीआई का संविधान सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस आर. एम. लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आधारित है, जिसमें पदाधिकारियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष निर्धारित की गई है। ऐसे में बिन्नी का 70 वर्ष का हो जाने के बाद उन्हें पद से हटना होगा। लेकिन इस विधेयक के बाद बिन्नी को छूट मिल सकती है। भारत के राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) का हिस्सा बीसीसीआई भी है और इस लिहाज से उसे प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल विधेयक के तहत आना ही होगा। अगर भारतीय क्रिकेट टीम को लॉस एंजेलिस ओलंपिक 2028 में भाग लेना है।
पीटीआई के पास मौजूद विधेयक के मसौदे के अनुसार कार्यकारी समिति के लिए नामांकन की अंतिम तिथि पर उस व्यक्ति की आयु 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। हालांकि मसौदे में यह भी कहा गया है कि यदि किसी खेल के अंतरराष्ट्रीय निकाय (जैसे ICC) के चार्टर में 70 से 75 वर्ष तक की आयु सीमा की अनुमति है, तो संबंधित व्यक्ति कार्यकाल पूरा कर सकता है।
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इस स्थिति में बिन्नी के लिए एक और राहत यह हो सकती है कि अगर वह नामांकन के समय 70 वर्ष से कम थे और खेल विधेयक लागू होने के बाद उनकी आयु 70 पार करती है, तब भी वह अपना कार्यकाल पूरा कर सकते हैं।
बोर्ड से जुड़े सूत्रों के अनुसार रोजर बिन्नी इस मुद्दे पर बोर्ड सचिव देवजीत सैकिया और कानूनी सलाहकारों से संपर्क कर रहे हैं। अगर सरकार अगस्त में खेल विधेयक पारित कर देती है, तो बिन्नी को पद पर बने रहने की कानूनी छूट मिल सकती है और वह तीन वर्षों तक और अध्यक्ष बने रह सकते हैं।