हेनरिक क्लासेन (फोटो-सोशल मीडिया)
जोहान्सबर्ग: साउथ अफ्रीका के धाकड़ बल्लेबाज और विकेटकीपर हेनरिक क्लासेन ने पिछले सप्ताह इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया। क्लासेन ने यह फैसला महज 33 साल के उम्र में कर लिया। संन्यास के अपने फैसले पर क्लासेन ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्हें बहुत पहले ही अहसास हो गया था कि अब उन्हें साउथ अफ्रीका के लिए खेलना अच्छा नहीं लग रहा है।
हेनरिक क्लासेन ने कहा कि उन्हें बहुत पहले ही यह एहसास हो गया था कि अब साउथ अफ्रीका के लिए खेलने में मजा नहीं आ रहा है। खेल का आंनद नहीं ले पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि टीम के प्रदर्शन या अपनी व्यक्तिगत भूमिका में उनकी दिलचस्पी धीरे-धीरे खत्म होती जा रही थी। जिसके बाद संन्यास लेना ही ज्यादा बेहतर था। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है कि टीम जीत रही है या हार रही है।
स्पोर्ट्स वेबसाइट रैपॉर्ट से बातचीत में क्लासेन ने कहा कि मुझे लंबे समय से लग रहा था कि अब मुझे अपने प्रदर्शन या टीम के जीतने-हारने की परवाह नहीं रह गई है। ये भावनाएं एक खिलाड़ी के लिए खतरनाक संकेत होती हैं। क्लासेन ने बताया कि वो साउथ अफ्रीका में होने वाले 2027 वर्ल्ड कप तक खेलने की योजना बनाई थी। जिस पर पूर्व कोच रॉब वाल्टर से गंभीर बातचीत हुई।
वाल्टर ने क्लासेन की कई विदेशी लीगों में खेलने की इच्छा को समझा और समर्थन भी दिया। हालांकि, जब वाल्टर ने निजी कारणों और न्यूजीलैंड से अत्यधिक यात्रा की परेशानी के चलते अप्रैल 2025 में कोच पद से इस्तीफा दे दिया, तो क्लासेन का मन भी बदल गया और उन्होंने संन्यास का फैसला ले लिया।
क्लासेन ने कहा कि हमने मिलकर भविष्य की एक स्पष्ट योजना बनाई थी, लेकिन जब रॉब वाल्टर ने कोच का पद छोड़ दिया और मेरी क्रिकेट साउथ अफ़्रीका (CSA) के साथ अनुबंध को लेकर बातचीत भी अपेक्षित दिशा में नहीं बढ़ी, तो मेरे लिए संन्यास का फैसला लेना काफी आसान हो गया।
क्लासेन ने बताया कि उन्होंने आईपीएल, एमएलसी (अमेरिका) और द हंड्रेड (इंग्लैंड) जैसी लीगों में खेलने के लिए क्रिकेट दक्षिण अफ़्रीका (CSA) से विशेष व्यवस्था की उम्मीद की थी। लेकिन CSA को आशंका थी कि इससे वह कुछ द्विपक्षीय सीरीज मिस कर सकते हैं। ऐसे में उन्होंने अपने करियर की प्राथमिकताएं दोबारा तय कीं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का निर्णय लिया।
इसके बाद उन्होंने कहा कि अब मैं SA20 के अलावा उन तीन विदेशी लीगों पर ध्यान केंद्रित कर सकता हूं। इससे मैं साल में छह से सात महीने घर पर रह पाऊंगा, जो मेरे परिवार के लिए बेहद ज़रूरी है। पिछले चार साल बहुत थकाऊ रहे हैं। मुझे अब कुछ आराम चाहिए।