
दक्षिण अफ्रीका में 'खतना' ने ली 41 मासूमों की जान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
South Africa Circumcision Deaths News In Hindi: दक्षिण अफ्रीका से एक बेहद हैरान करने वाला और दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां पारंपरिक अनुष्ठानों के नाम पर कई घर उजड़ गए हैं। आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, नवंबर और दिसंबर के महीने में खतना (Circumcision) प्रक्रियाओं के कारण कम से कम 41 युवकों ने अपनी जान चली गई।
दक्षिण अफ्रीका के विभिन्न जातीय समूहों, जिनमें जोसा (Xhosa), न्देबेले (Ndebele), सोथो (Sotho) और वेन्डा (Venda) समुदाय शामिल हैं, उनके लिए यह एक वार्षिक संस्कार है। इस प्रक्रिया को युवकों के लिए ‘वयस्क बनने का एक संस्कार’ माना जाता है।
संस्कार के दौरान युवकों को समाज से अलग एक विशेष स्थान पर रखा जाता है, जहां उन्हें वयस्क होने के मूल्यों और जिम्मेदारियों की शिक्षा दी जाती है। हालांकि, इस दौरान होने वाली खतना की प्रक्रिया हर साल जानलेवा साबित होती है। इस साल मौतों का मुख्य कारण सुरक्षा मानकों और चिकित्सा सलाह का पालन न करना रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के पारंपरिक मामलों के मंत्री वेलेन्कोसिनी हलाबिसा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि कुछ दीक्षा स्कूलों में स्वास्थ्य मानकों की घोर अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया कि युवकों को यह गलत सलाह दी जाती है कि घाव तेजी से ठीक करने के लिए वे पानी न पिएं, जिससे डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) जैसी गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
मंत्री हलाबिसा के अनुसार, ईस्टर्न केप प्रांत में सबसे अधिक 21 मौतें दर्ज की गई हैं, जो इसे इस त्रासदी का मुख्य केंद्र बनाती हैं। उन्होंने माता-पिता की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि “यदि आप अपने बच्चे को दीक्षा स्कूल भेजते हैं और उसकी निगरानी नहीं करते कि वह पानी पी रहा है या नहीं, तो आप उसे जोखिम में डाल रहे हैं”।
इस मामले में पुलिस ने अब तक 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में वे माता-पिता भी शामिल हैं जिन्होंने अपने बच्चों को संस्कार के लिए भेजते समय उनकी गलत उम्र बताई थी। दक्षिण अफ्रीकी कानून के तहत, केवल 16 वर्ष या उससे अधिक आयु के किशोरों को ही माता-पिता की सहमति से इन स्कूलों में भेजा जा सकता है।
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अफ्रीकी समुदायों में यह परंपरा बहुत गहराई तक जुड़ी हुई है, और अक्सर इन संस्कारों के बाद युवकों की घर वापसी पर बड़े सांस्कृतिक जश्न मनाए जाते हैं। लेकिन इस साल, लापरवाही ने इन खुशियों को मातम में बदल दिया है। प्रशासन अब इन अवैध दीक्षा स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके






