रोहित शर्मा और अजीत अगरकर (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से सीरीज गंवाने के बाद बीसीसीआई ने 10 सख्त निर्देश जारी कर दिए थे। जहां खिलाड़ियों पर तरह-तरह की पाबंदियां लगाई गई थी। उसके साथ कई ऐसे भी नियम थे जिसको लेकर खिलाड़ियों में असंमजस बना हुआ है। बीसीसीआई के 10 दिशा निर्देशों में रोहित शर्मा कुछ नियमों से सहमत नहीं हैं। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा इस मुद्दे पर बीसीसीआई के सचिव देवाजीत सैकिया से बात करेंगे।
बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर दिशा-निर्देशों की घोषणा नहीं की है लेकिन मीडिया की खबरों में ये 10 दिशा निर्देश सामने आ चुके हैं। पहले दौरे पर किसी भी क्रिकेटर के परिवार को केवल 14 दिन ही साथ रहने की अनुमति दी जाती थी। वहीं अब लागू किया गया है। यह नियम खिलाड़ियों को अच्छा नहीं लगा है।
प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले जब रोहित चयनकर्ताओं के अध्यक्ष अजीत अगरकर के पास बैठे थे तो उन्हें मुंबई के अपने पूर्व साथी से यह कहते हुए सुना गया, ‘‘अब मेरे को बैठना पड़ेगा सचिव के साथ। फैमिली-वैमिली का डिस्कस करने के लिए, सब मेरे को बोल रहे हैं यार। हर कोई (खिलाड़ी) मुझसे पूछ रहा है। ” रोहित की टिप्पणी मीडिया के लिए नहीं थी लेकिन यह ‘माइक्रोफोन’ में रिकॉर्ड हो गई जिसका मतलब समझना मुश्किल नहीं था।
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जब रोहित ने दिशा-निर्देशों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि आपको इन नियमों के बारे में किसने बताया? क्या यह बीसीसीआई के आधिकारिक हैंडल से आया है? इसे आधिकारिक तौर पर आने दें। हालांकि जब अगरकर ने बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि एक एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) मसौदा तैयार किया गया है।
रोहित के मुख्य कोच के साथ कामकाजी संबंधों के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं जिस पर कप्तान ने कहा कि एक बार जब वह खेल के मैदान में उतरते हैं तो वह बहुत स्पष्ट होते हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों (वह और गंभीर) इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि हम क्या करना चाहते हैं। मैं यहां बैठकर यह चर्चा नहीं करने जा रहा हूं कि हर मैच के पीछे क्या रणनीति होती है लेकिन यह मेरे दिमाग में बहुत स्पष्ट है। रोहित ने कहा कि गौतम गंभीर एक ऐसे व्यक्ति हैं जो मैदान पर उतरने के बाद कप्तान के मैदान पर किए जा रहे काम पर भरोसा करते हैं।