किसानों पर बुलडोजर एक्शन (सौ.सोशल मीडिया)
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: पिछले 13 महीनों से शंभू और खनौरी बॉर्डर में जमे किसानों को पंजाब पुलिस ने अचानक जिस तरह बुलडोजर एक्शन के जरिए हटाया है, उससे पूरे पंजाब में बवाल मचा हुआ है. पूरे प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर पुलिस और किसान आमने-सामने हैं. किसान जगह- जगह हाईवेज पर धरना देने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच पुलिस ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को पंजाब में आर्मी के कंट्रोल वाले जालंधर कैंट के पीडब्लूडी रेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया है।
पंजाब में मोगा, मुक्तसर के गिद्दड़बाहा, फरीदकोट और बठिंडा के रामपुरा फूल इलाकों में किसान जिस तरह पुलिस से आरपार झड़प कर रहे थे, उससे लगता है कि किसान पंजाब सरकार के इस अचानक एक्शन से सकते में हैं. मोगा में किसानों ने डीसी ऑफिस को जिस गुस्से में घेरने की कोशिश की और पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ा, उसे देखकर डर लग रहा है कि कहीं किसानों और पुलिस के बीच पूरे पंजाब में खूनी झड़पें न हो जाएं।
मुक्तसर के गिद्दड़बाहा में भी किसानों ने ठंडा-गंगानगर हाईवे पर जाम लगाने की कोशिश की, जहां पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा. यहां पुलिस ने सैकड़ों किसानों को हिरासत में ले लिया है. बठिंडा के रामपुरा फूल में किसानों ने एक घंटे तक हाईवे जाम कर दिया. लेकिन अंततः बल प्रयोग के जरिए पुलिस ने उन्हें हाईवे से खदेड़ दिया. जबकि रोड पर खड़े किए गए किसानों के ट्रैक्टरों को धक्का देकर किनारे कर दिया. फरीदकोट में भी पुलिस और किसानों के बीच खूब धक्का-मुक्की हुई है, लेकिन अंततः पुलिस ने किसानों को हाईवे से हटाकर कईयों को हिरासत में लिया।
सवाल है कल तक खुद को किसानों की हमदर्द बता रही भगवंत मान सरकार ने आखिर अपने घोषित स्टैंड से इस तरह यू-टर्न क्यों लिया? भगवंत मान ही नहीं, आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल तो पार्टी बनाने के दिनों से खुद को किसानों के पैरोकार बताते रहे हैं, लेकिन अचानक उन्हीं किसानों के विरुद्ध पंजाब सरकार का यह बुलडोजर एक्शन, आखिर माजरा क्या है? केवल भगवंत मान का ही नहीं, किसानों को लेकर पंजाब सरकार का यह एक्शन समूची आम आदमी पार्टी का किसानों को लेकर रुख हैरत में डालता है।
इससे किसान तो नाराज हैं ही, विपक्षी राजनीतिक पार्टियां भी आप के विरुद्ध हमलावर हो गई हैं. इन सब वजहों से सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर पंजाब सरकार ने किसानों के मामले में अचानक ऐसा रुख क्यों अख्तियार किया? पंजाब सरकार का यह अप्रत्याशित एक्शन 19 मार्च को तब शुरू हुआ, जब लंबे अर्से से अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ ही किसान मजदूर मोर्चा के प्रमुख सरवन सिंह पंढेर तथा दूसरे करीब एक दर्जन किसानों को भी मोहाली में हिरासत में ले लिया गया. यह ठीक वही समय था, जब किसान चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ बेनतीजा बैठक के बाद लौट रहे थे।
कहीं किसान भगवंत मान के गुस्से और निजी खुन्नस का शिकार तो नहीं हो रहे हैं या पंजाब में किसानों के खिलाफ मौजूद कार्रवाई आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर हो रही है. अगर पंजाब सरकार मानती है कि किसानों की मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी है, तो फिर उसे ये एक्शन पहले ही करना चाहिए था. पिछले 13 महीनों से इंतजार किस बात का कर रही थी. खबर है कि किसानों के खिलाफ पुलिस एक्शन की एक वजह लुधियाना वेस्ट सीट पर उपचुनाव है।
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कहते हैं, अरविंद केजरीवाल को लुधियाना के व्यापारियों से फीडबैक मिला था कि अगर किसानों का जमावड़ा नहीं हटा, तो वे आम आदमी पार्टी को वोट नहीं देंगे. क्योंकि उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है. मगर क्या अरविंद केजरीवाल उस चुनाव के लिए अभी से किसानों की नाराजगी मोल लेंगे ? जिस तरह लगभग हड़बड़ी में पंजाब सरकार ने किसानों के खिलाफ एक्शन लिया है, उससे दाल में कुछ काला तो जरूर नजर आ रहा है. कहीं इसके पीछे अरविंद केजरीवाल के फिर से जेल जाने का डर तथा आप और भाजपा का किसानों के मुद्दे पर हुआ अनकहा तालमेल तो नहीं है?
लेख- लोकमित्र गौतम के द्वारा