
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Navbharat Digital Desk: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, 2025 की समाप्ति के साथ ही इस 21वीं शताब्दी का चौथाई या वन फोर्थ हिस्सा पूरा हो जाएगा। देखते ही देखते वक्त बीत जाता है। समय किसी के लिए नहीं रुकता।
इंसान नए वर्ष के लिए नए संकल्प या रेजोल्यूशन करता है जैसे कि मार्निंग वाक शुरू करूंगा, मद्यपान या तंबाकू का सेवन छोड़ दूंगा लेकिन आमतौर पर यह संकल्प टिक नहीं पाते।’ हमने कहा, ‘इस बात पर भी गौर कीजिए कि सन 2000 में जन्म लेनेवाला बच्चा अब 25 साल का जवान पट्ठा बन चुका है।
पीढ़ियां या जनरेशन बदलती चली जा रही हैं। आप हमें बताइए कि इन पीढ़ियों या जनरेशन के लिए अंग्रेजी में क्या नाम हैं?’ हमने कहा, ‘1928 के पूर्व पैदा होनेवाले और अब भी जीवित बुजुर्गों को आप ग्रेटेस्ट जनरेशन कह सकते हैं। 1928 में जन्में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इसी श्रेणी में आते हैं। इसके बाद 1928 से 1945 के बीच जन्म लेनेवाली साइलेंट जनरेशन है।
जो अमिताभ बच्चन वाली पीढ़ी है। 1946 से लेकर 1964 के बीच जन्मे लोग बेबी बूमर्स कहलाते हैं। इसकी वजह यह है द्वितीय विश्वयुद्ध 1945 में खत्म होने के बाद दुनिया की आबादी इन 20 वर्षों में तेजी से बढ़ी। 1965 से 1980 के बीच जन्म लेनेवाले जेन एक्स कहलाते हैं।
1981 से 1996 के दौरान जन्मे लोग मिलेनियल्स या जेन वाय हैं। 1997 से 2012 के बीच पैदा होनेवाले जेन जेड हैं। इसे अमेरिकन इंग्लिश में जेन जी कहा जाता है। इसके बाद 2024 तक जन्म लेनेवाले बच्चे जेन अल्फा हैं। 2025 से 2039 तक पैदा होनेवाले बच्चे जेन बीटा कहलाएंगे।
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‘ पड़ोसी ने कहा, ‘भारत में ऐसा वर्गीकरण नहीं है। यहां शिशु, बालक, किशोर, नौजवान, जवान, प्रौढ़ या अधेड़, वृद्ध और फिर वयोवृद्ध की श्रेणियां हैं। रॉक हडसन और जीना लोलोब्रिगिडा की 1962 में आई फिल्म कम सेप्टेंबर का गीत था ‘मल्टीप्लिकेशन इज द नेम आफ गेम एंड ईच जनरेशन प्लेज द सेम’। हिंदी में गीत है- देख इधर देख तेरा ध्यान कहां है, सिर पे बुढ़ापा है, मगर दिल तो जवां है।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा






