
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स : सोशल मीडिया )
Navbharat Digital Desk: लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनों का यात्री किराया बढ़ाया जाना समयानुसार उचित माना जा सकता है। परंतु ज्वलंत प्रश्न है कि ट्रेन यात्रियों की सुविधाओं व सुरक्षा पर रेल विभाग कितना ध्यान दे रहा है? 215 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर प्रति किलोमीटर 1 पैसा तथा मेल व एक्सप्रेस जैसी गाड़ियों पर टिकट दर में 2 पैसा बढ़ाना असामान्य नहीं है।
लोकल ट्रेन व मासिक पास की दर यथावत रखकर मुंबईवासियों को राहत दी गई है। इस वर्ष दूसरी बार ट्रेन का किराया बढ़ाया गया है। इसके पहले जुलाई में भी टिकट दर में वृद्धि की गई थी, जिससे रेलवे को 700 करोड़ रुपये की आय हुई थी। नई किराया वृद्धि से मार्च तक और 600 करोड़ रुपये का रेलवे को अतिरिक्त राजस्व हासिल होने का लक्ष्य है।
रेल विभाग का कहना है कि रेल नेटवर्क के विस्तार, संचालन खर्च तथा मनुष्य बल में वृद्धि की वजह से किराया बढ़ाना अपरिहार्य हो गया है। विगत कुछ वर्षों से रेलवे विभिन्न भागों में रेल नेटवर्क का विस्तार कर रहा है। आरक्षण प्रणाली में सुधार, ऑनलाइन सेवा विस्तार जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
इसी तरह वंदे भारत जैसी नई ट्रेन शुरू की गई है तथा कुछ मार्गों पर सेमी हाईस्पीड गाड़ियां चलाई जाने लगी हैं। बुलेट ट्रेन की दिशा में भी प्रगति जारी है। इन सब बातों के बावजूद ट्रेन यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ट्रेनें अधिकतर काफी लेट होती हैं। टाइम टेबल का ठीक से पालन नहीं किया जाता। ट्रेनों के भीतर व स्टेशनों व प्लेटफार्म पर स्वच्छता का अभाव रहता है। पानी के नल बंद पड़े रहते हैं ताकि यात्री बोतलबंद पानी खरीदने को बाध्य हो जाएं। अनधिकृत वेंडरों की मनमानी चलती है।
सड़े हुए फलों की टोकरी यात्रियों को बेच दी जाती है। भिखारियों को हटाया नहीं जाता। प्लेटफार्म पर बदबू फैली रहती है। ट्रेनों के टॉयलेट की अस्वच्छता को लेकर शिकायतें बनी रहती हैं। कैटरिंग सेवा का दर्जा घटिया होता चला जा रहा है जबकि दाम अधिक वसूले जाते हैं। रेलयात्री सुरक्षा रेलवे की जिम्मेदारी है जिस पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
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रेलवे को माल ढुलाई से अच्छी-खासी आमदनी होती है। इस मामले में भारतीय रेल विश्व में दूसरे नंबर पर है। यात्री परिवहन से होने वाला घाटा कम करने की सिफारिश संसदीय समिति ने की थी, इसीलिए यात्री किराया बढ़ाया गया।
2030 तक रेलवे को फायदे में लाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है परंतु यात्री सेवा को सिर्फ मुनाफे के दृष्टिकोण से देखना अनुचित है। किराया वृद्धि के साथ ही यात्री सुविधाओं में उपयुक्त सुधार पर ध्यान देना भी उतना ही आवश्यक है।
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा






