निशानेबाज (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, विंटर के मौसम में कुछ शहरों में विंटेज कार, मोटरसाइकिल और स्कूटर की प्रदर्शनी होती है। इसे देखने के लिए बड़ी तादाद में लोग पहुंचते हैं। विंटेज कार की रैली भी निकाली जाती है। इसमें रोल्स रॉयस, फोर्ड, क्रिसलर, डिसोटो मॉरिस के अलावा एम्बेसडर व फिएट कार के पुराने मॉडल, जर्मनी की बीटल कार के अलावा सनबीम, मैचलेस, बीएसए जैसी पुरानी मोटरसाइकिलें प्रदर्शित की जाती हैं। लैम्ब्रेटा, वेस्पा, फैंटाबुलस जैसे 60 साल पुराने स्कूटर भी अतीत की याद दिलाते हैं।
हमें वेस्पा का इटालियन मॉडल देखकर ग्रेगरी पेक व आड्रे हेपबर्न की पुरानी फिल्म ‘रोमन हॉलिडे’ की याद आ गई। इस फिल्म में ऐसी राजकुमारी दिखाई गई है जिसने अपने महल से कभी बाहर कदम नहीं रखा था। बाहरी दुनिया देखने के लिए वह सबको चकमा देकर महल से चुपचाप निकल जाती है। वहां एक पत्रकार (ग्रेगरी पेक) से उसकी मुलाकात होती है जो वेस्पा पर बिठाकर उसे रोम में घुमाता है।’
हमने कहा, ‘आप विंटेज गाड़ियों की बजाय विंटेज नेताओं की चर्चा कीजिए। बीजेपी के पास 96 वर्ष के लालकृष्ण आडवाणी, 90 वर्ष के मुरली मनोहर जोशी हैं। एनसीपी के पास 85 वर्ष के शरद पवार हैं। कांग्रेस के पुराने सांसद कर्णसिंह 89 वर्ष के हैं जो कभी कश्मीर के सदर-ए-रियासत थे। वे कश्मीर के महाराजा स्व. हरिसिंह के पुत्र हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे भी 83 वर्ष के हैं। सोनिया गांधी भी 78 वर्ष की है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर फिकरा कसा था कि एक ही परिवार के 3 लोग लोकसभा सदस्य हैं।’ पड़ोसी ने कहा, ‘राजनीति के अखाड़े के पुराने पहलवानों के दांवपेंच अब काम नहीं आते। अकेले मोदी सब पर भारी हैं। विभिन्न पार्टियों के विंटेज नेता सोचते हैं- वक्त ने किया क्या हसीं सितम, हम रहे ना हम, तुम रहे ना तुम! जनता हमेशा बदलाव चाहती है।
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यद्यपि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय विंस्टन चर्चिल ने ब्रिटेन को सफल नेतृत्व दिया था लेकिन युद्ध समाप्ति के बाद विंस्टन को विंटेज नेता मान लिया गया। उनकी जगह अर्ल एटली को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनाया गया। फिल्मों में भी वैजयंतीमाला, वहीदा रहमान, आशा पारेख, सायरा बानो विंटेज हीरोइन कही जा सकती हैं। जब अमिताभ बच्चन की किस्मत का सितारा चमका था तो रोमांटिक सुपर स्टार राजेश खन्ना विंटेज हीरो बनकर रह गए थे। समयचक्र आगे बढ़ता चला जाता है और नई पीढ़ी के सामने पुराने लोग विंटेज बन जाते हैं।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा