भारत चौथी बड़ी इकोनॉमी (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: नीति आयोग के इस दावे से हर भारतीय खुशी से फूल सकता है कि भारत जापान को पछाड़ कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है। आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक हम इस समय 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। सिर्फ अमेरिका, चीन और जर्मनी हमसे आगे हैं। अगले कुछ वर्षों में हम जर्मनी को भी पीछे छोड़ देंगे। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी इस उपलब्धि को गर्व से जनता के सामने पेश करेंगे परंतु हमें यह भी देखना होगा कि भारत की तुलना में जापान का आकार कितना छोटा है।
हमारे देश के आकार के साथ हमारी बहुत बड़ी आबादी को भी देखना होगा। यद्यपि 4.19 खरब डालर की हमारी अर्थव्यवस्था है लेकिन यह तथ्य भी ध्यान देने योग्य है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में हम विश्व में 142वें स्थान पर हैं। देखना होगा कि हम अपनी आमदनी का स्तर कैसे बढ़ा सकते हैं! हमें बुनियादी सुविधाएं हर किसी को उपलब्ध कराने तथा गरीबों की क्रयशक्ति बढ़ाने पर लक्ष्य केंद्रित करना होगा। स्वास्थ्य और शिक्षा का आधार मजबूत करना होगा। इससे हमारी साख बढ़ने के साथ बाजार सशक्त होगा जिसका विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी वातावरण में लाभ होगा। एआई की वजह से नौकरियां घटने का खतरा मंडरा रहा है। सेवा क्षेत्र की तुलना में उत्पादन नहीं बढ़ा है। ट्रंप की नीतियों से भारत का विदेशी व्यापार प्रभावित होना तय है। हमें अपने उद्योगों को संरक्षण देना होगा।
आत्मनिर्भरता व आर्थिक विकास को गति देना आवश्यक है। हम विश्व की चौथी बड़ी इकोनॉमी हैं फिर भी हमें 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देना पड़ता है क्योंकि उनके पास बाजार से खरीदने की शक्ति नहीं है। अमेरिका और चीन की कतार में जाकर बैठने के लिए शहरी नियोजन, यातायात व लाजिस्टिक्स पर ध्यान देना होगा। स्मार्ट सिटी का लक्ष्य पूरा करना जरूरी है। विश्व आपूर्ति शृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए निर्यात को बढ़ावा देना आवश्यक है। वित्तीय सेवा, कृषि, अन्नप्रक्रिया, स्वास्थ्य, जैव तंत्र ज्ञान में भारत के सामने बड़े अवसर हैं। डिजिटली साक्षर युवा पीढ़ी तैयार करनी होगी।
अमेरिका की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर उसका फायदा चीन के साथ भारत को भी मिलेगा। प्रति व्यक्ति आय बढ़ाकर ही विकसित भारत का स्वप्न साकार किया जा सकता है। इस वर्ष अच्छी मानसूनी बारिश होने से खरीफ फसल की पैदावार में वृद्धि की संभावना है। यह अर्थव्यवस्था के अनुकूल होगा व महंगाई पर भी अंकुश लगेगा।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा