
पीएम मोदी से मुलाकात करते माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला (डिजाइन फोटो)
Satya Nadella India Visit: देश में रोजगार के अवसर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स न (एआई) कौशल बढ़ाने और मनुष्यबल को अधिक सक्षम करने के व्यापक उद्देश्य से केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ प्रारंभिक करार किया है। यह भारत की कार्यशक्ति को वैश्विक अवसरों के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह बात विशेष महत्व रखती है कि माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्या नडेला ने विश्व में भारत की उभरती शक्ति को पहचाना और स्वयं पहल करते हुए इस तरह का करार किया।
प्रधानमंत्री मोदी से अपनी मुलाकात में नडेला ने भारत के उज्ज्वल भविष्य व प्रगति में दिलचस्पी दिखाई। ऐसा कहा जा सकता है कि अपने मूल देश की तकनीकी तरक्की के प्रति उन्होंने अपनी आस्था जताई है। इस भागीदारी का एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि माइक्रोसॉफ्ट ने अपने विस्तृत अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के 15,000 से अधिक (रोजगारदाताओं) नियोक्ताओं व भागीदारों को मंत्रालय के राष्ट्रीय करिअर सेवा मंच पर आने के लिए प्रोत्साहित करने की तैयारी दर्शाई है।
यह समझौता भारत की बड़ी आबादी का लाभ उठाने तथा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक, डिजिटल कुशल तथा भविष्य की हुनरमंद कार्यशक्ति तैयार करने के लिए विशेष महत्व रखता है। माइक्रोसॉफ्ट की इस भागीदारी से प्रतिभाशाली युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और वह अधिक कुशल व सृजनात्मक होंगे। इससे वैश्विक श्रम गतिशीलता के क्षेत्र में भारत का नेतृत्व और अधिक चमकेगा।
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सत्या नडेला ने भारत के सामाजिक सुरक्षा कवच के विस्तार की सराहना की। यह कवच 64.3 प्रतिशत बढ़ा है, जिससे 94 करोड़ नागरिकों को फायदा पहुंचा है। असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने और रियल टाइम डेटा पर आधारित श्रमिक केंद्रित नीति बनाने की भारत की क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से ई-श्रम उपक्रम की नडेला ने प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि एम्प्लॉयमेंट डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए भारत को सहयोग देने के प्रति माइक्रोसॉफ्ट उत्सुक है। उन्होंने अगले चरण में भी सहयोग देने की तैयारी दर्शाई। माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से भारत के लाखों युवाओं को एआई, क्लाउड तकनीक, साइबर सुरक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। युवाओं की अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता का मार्ग प्रशस्त होगा तथा भारत को विश्वस्तर पर कुशल मनुष्य बल विकसित करने में मदद मिलेगी। औपचारिक नौकरियों की तादाद भी बढ़ेगी।
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा






