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नवभारत डेस्क: देश के संविधान और कानून को न मानने वाले अराजक व क्रूर नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के अंबेली गांव में सुरक्षा बलों के वाहन को बारूदी सुरंग से उड़ाकर 9 लोगों की जान ले ली। विस्फोट इतना भीषण था कि 25 फीट ऊंचे पेड़ पर गाड़ी का मलबा मिला। ये सुरक्षा कर्मी अबूझमाड़ क्षेत्र से नक्सल विरोधी अभियान पूरा करके लौट रहे थे तभी घात लगाकर यह विस्फोट किया गया।
सुरंग से विस्फोट के बाद नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी ताकि कोई बचने न पाए। गत वर्ष 26 अप्रैल 2023 को भी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा कर्मियों को ले जा रहे काफिले से एक वाहन को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया था जिसमें 10 पुलिस कर्मी और एक ड्राइवर की मौत हो गई थी।
मार्च 2018 में सुकमा जिले के क्रिस्टाराम थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट में वाहन उड़ाया था जिसमें 9 जवान बलिदान हो गए थे। सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव से नक्सली झुंझला गए हैं और लगता है कि अब आरपार की लड़ाई छिड़ गई है। अबूझमाड़ की गोलीबारी में 5 प्रमुख माओवादी मारे गए।
बीजापुर में जवानों की शहादत पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा हम मार्च 2026 तक भारत भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे। कनु सान्याल और कोंडापल्ली सीतारमैया द्वारा बंगाल के नक्सलबाडी गांव से शुरू किया गया नक्सलवाद अपने उद्देश्यों से भटकता चला गया।
वह आगे कहते हैं, आदिवासियों व गरीबों को न्याय दिलाने के नाम पर क्रूरकर्मा नक्सली उनका शोषण व हत्याएं करते रहे। किसी को भी पुलिस का मुखबिर करार देकर उसके परिवारजनों व ग्रामवासियों के सामने तड़पा-तड़पा कर उसकी जान लेनेवाले नक्सली किसी के हितचिंतक नहीं है।
शाह ने कहा, अपने प्रभाव के इलाकों में वे स्कूल, अस्पताल, सड़क बनने नहीं देते। विकास होने से रोकते है और सरकारी कर्मचारियों, वनकर्मियों व पुलिस पर हमले करते हैं। उद्योजकों को डरा-धमकाकर नक्सलवादी प्रोटेक्शन मनी वसूल करते हैं। लड़कियों को जबरन अपने कैडर में भर्ती करते है।
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उन्होंने कहा, अराजकता फैलाने के उनके मकसद में भारत विरोधी विदेशी ताकतों का भी हाथ है जो उन्हें धन और शस्त्र सप्लाई करती हैं। दुश्मन सिर्फ सीमा पर ही नहीं होता। नक्सली देश के भीतर छुपे शत्रु हैं। इनकी योजना पशुपति से तिरुपति (नेपाल से आंध्रप्रदेश) तक नक्सली कब्जा करने की रही है। अत्यंत कठोर कदम उठाकर इनका सफाया किया जाना चाहिए।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा